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इथोपिया में सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी, अब तक 80 से अधिक लोगों की मौत

प्रधानमंत्री अबी अहमद ने नागरिकों से देश की प्रगति को बाधित करने की धमकी देने वाले से दूर रहने का आग्रह किया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 09:08 AM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 10:52 AM (IST)
इथोपिया में सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी, अब तक 80 से अधिक लोगों की मौत
इथोपिया में सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी, अब तक 80 से अधिक लोगों की मौत

अदीस अबाबा, एएनआई। इथोपिया में हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन में 80 से अधिक लोगों की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया ने रविवार को यह जानकारी दी। स्थानीय मीडिया के अनुसार इथियोपिया में हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 80 लोग की मौत हो गई है। अशांति फैलाने के सिलसिले में 400 लोगों को हिरासत में लियाकिया है।

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प्रधानमंत्री अबी अहमद ने नागरिकों से देश की प्रगति को बाधित करने की धमकी देने वाले से दूर रहने का आग्रह किया है। विरोध प्रदर्शनों पर टिप्पणी करते हुए अहमद ने कहा कि हमें अपने कदम पीछे खींचने वाली ताकतों को रोकना चाहिए, जबकि हम अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार लोगों और उनकी संपत्ति की सुरक्षा की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेगी।

गौरतलब है कि इथोपियों में पिछले एक सप्ताह से प्रधानमंत्री अबी अहमद के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन में अभी तक करीब 80 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हुए हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार इथियोपिया में पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री अबी अहमद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हुये थे जिसने जातीय हिंसा का रुप ले लिया।

उल्लेखनीय है कि एक्टिविस्ट जावर मोहम्मद के फेसबुक पोस्ट के बाद राजधानी अदीस अबाबा और ओरोमिया क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये थे। इस पोस्ट में उन्होंने सुरक्षाबलों पर उनके घर पर हमले के प्रयास का आरोप लगाया था। पुलिस ने उनके इस दावे से नकार दिया था। अबी इथियोपिया के सबसे बड़े जातीय समूह ओरोमो का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के पहले नेता हैं। उन्हें हाल ही में पिछले 20 वर्षो से इथोपिया और इरिट्रिया के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिये शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। मोहम्मद ओरोमो समूह का भी प्रतिनिधित्व करते है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि वर्ष 2018 में प्रमुख संस्थागत सुधारों और नीतियों को लागू के लिये तानाशाही रवैया अपनाया है।


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