अफगानिस्तान: सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 100 से अधिक तालिबानी आतंकी ढेर
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अप्रैल में ऐलान किया था कि इस साल के सितंबर तक अमेरिकी सेना की पूरी तरह वापसी करा ली जाएगी। इस क्रम में सेना की वापसी शुरू हो गई है लेकिन तालिबान का हिंसक खेल अफगान में जारी है।
काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकी अब सुरक्षा बलों के साथ आमने-सामने संघर्ष कर रहे हैं। अफगान सेना ने पिछले 24 घंटों के दौरान तालिबान के सौ आतंकियों को मार गिराया है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार आतंकी कई स्थानों पर खतरनाक बारूदी सुरंगे भी लगा रहे हैं, सुरक्षा बल के लिए सभी को निष्क्रिय करना चुनौती बना हुआ है।
अब तक 35 तरह की बारूदी सुरंगों को निष्क्रिय करने में सफलता हासिल हुई है। सुरक्षा बलों के आपरेशन में 50 से ज्यादा आतंकी घायल हुए हैं, उनसे काफी संख्या में हथियार और गोला-बारूद भी मिला है। सुरक्षा बलों का ये आपरेशन हेरात, गजनी, लघमन, हेलमंद, जाबुल आदि स्थानों पर चला।
अफगानिस्तान में हाल ही में हिंसा का दौर तेज हो गया है। अमेरिका और नाटो सेना की वापसी से पहले ही तालिबान व अन्य आतंकी संगठन अफगानिस्तान की सरकार पर पूरा दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। अब तालिबान ने देश के कई स्थानों पर अफगान सेना की सुरक्षा चौकियों और काफिले पर भी हमला करना शुरू कर दिया है। बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अप्रैल में ऐलान किया था कि इस साल के सितंबर तक अमेरिकी सेना की पूरी तरह वापसी करा ली जाएगी। इस क्रम में सेना की वापसी शुरू हो गई है।
अफगान शांति प्रक्रिया पर चर्चा के लिए चीन के विदेश मंत्री वांग यी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अपने समकक्षों के साथ त्रिपक्षीय बैठक की मेजबानी करेंगे। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के मद्देनजर चीन इन दोनों देशों के साथ राजनयिक संबंधों को मजबूती दे रहा है।
इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार हिस्सा लेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि तीनों विदेश मंत्री अफगान शांति एवं सुलह प्रक्रिया, व्यावहारिक सहयोग, आतंकवादरोधी एवं सुरक्षा सहयोग के मद्देनजर विचार साझा करेंगे। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को देखते हुए पिछले महीने चीन ने शांति बनाए रखने को लेकर अफगान सरकार और तालिबानी आतंकियों के बीच वार्ता की मेजबानी करने की पेशकश की थी।