Move to Jagran APP

भारत के एतराज पर चीन ने श्रीलंका में ऊर्जा परियोजना टाली, तमिलनाडु के नजदीक लगना था संयंत्र

चीन ने भारत के करीब स्थित श्रीलंका के तीन द्वीपों में हाइब्रिड ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की एक परियोजना को स्थगित कर दिया है। चीनी दूतावास ने भारत का नाम लिए बगैर थर्ड पार्टी के एतराज की बात ट्वीट करके बताई है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 06:06 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 06:06 PM (IST)
भारत के एतराज पर चीन ने श्रीलंका में ऊर्जा परियोजना टाली, तमिलनाडु के नजदीक लगना था संयंत्र
भारत के एतराज पर चीन ने श्रीलंका में ऊर्जा परियोजना टाली। (फाइल फोटो)

कोलंबो, प्रेट्र। चीन ने भारत के करीब स्थित श्रीलंका के तीन द्वीपों में हाइब्रिड ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की एक परियोजना को स्थगित कर दिया है। चीनी दूतावास ने भारत का नाम लिए बगैर थर्ड पार्टी के एतराज की बात ट्वीट करके बताई है। चीनी दूतावास ने ट्वीट कर कहा, 'साइनो सोर हाइब्रिड टेक्नोलाजी  ने तीसरे पक्ष की तरफ से सुरक्षा संबंधी चिंताएं जताए जाने के कारण इस परियोजना पर रोक लगा दी है।

loksabha election banner

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका ने जनवरी में चीनी फर्म सिनो सोअर हाइब्रिड टेक्नोलाजी को जाफना तट से दूर डेल्फ्ट, नागादीपा और अनलथिवु द्वीपों में एक हाइब्रिड नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने का कांट्रैक्ट किया था। भारत ने इन द्वीपों पर चीन की मौजूदगी को लेकर चिंता व्यक्त की थी।  वहीं, पिछले महीने श्रीलंका ने कोलंबो पोर्ट के पूर्वी कंटेनर टर्मिनल को विकसित करने का कांट्रैक्ट चीन की कंपनी को दिया।

मगर यह कांट्रैक्ट पहले भारत और जापान को दिया जाना था लेकिन श्रीलंका ने इस त्रिपक्षीय सौदे को रद कर दिया। यह अनुबंध सहायक विद्युत आपूर्ति विश्वसनीयता सुधार परियोजना का हिस्सा था। श्रीलंकाई सूत्रों ने बताया कि चीन ने जाफना के डेल्फ्ट, नैनाथिवु और अलनाथिवु द्वीपों में परियोजना के लिए बोली जीती थी। ये तीनों द्वीप भारत के राज्य तमिलनाडु के बेहद निकट स्थित हैं। वहीं, चीनी दूतावास ने कहा कि चीनी कंपनी ने अब मालदीव के 12 द्वीपों में 12 सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए मालदीव सरकार के साथ 29 नवंबर को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2021 की शुरुआत में भारत ने डेडेल्फ्ट, नागादीपा और अनलथिवु में रिन्यूएबल एनर्जी पावर संयंत्रों के निर्माण के लिए चीनी कंपनी को टेंडर देने का कड़ा विरोध किया। यह अनुबंध सहायक विद्युत आपूर्ति विश्वसनीयता सुधार परियोजना का हिस्सा था, जिसे सीलोन विद्युत बोर्ड (सीईबी) द्वारा कार्यान्वित किया जाता है और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा वित्त पोषित है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.