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यूरोपीय संघ के सरकारी संस्थानों पर रूसी हैकर्स का साइबर हमला, डाटा चुराने की कोशिश

यूरोपीय सरकार के सिस्टम्स पर रूस के साइबर हैकर्स लगातार हमले कर रहे हैं। ये हमले मई में होने वाले यूरोपीय संसद के चुनाव से ठीक पहले किए जा रहे हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 11:34 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 11:34 PM (IST)
यूरोपीय संघ के सरकारी संस्थानों पर रूसी हैकर्स का साइबर हमला, डाटा चुराने की कोशिश
यूरोपीय संघ के सरकारी संस्थानों पर रूसी हैकर्स का साइबर हमला, डाटा चुराने की कोशिश

 सेन फ्रांसिस्को, आइएएनएस। यूरोपीय सरकार के सिस्टम्स पर रूस के साइबर हैकर्स लगातार हमले कर रहे हैं। ये हमले मई में होने वाले यूरोपीय संसद के चुनाव से ठीक पहले किए जा रहे हैं। साइबर सुरक्षा क्षेत्र की कंपनी 'फायरआइ' ने इसे उजागर किया है। इसे एक रिपोर्ट के जरिये गुरुवार को प्रसिद्ध 'इनगैजेट' ने प्रकाशित किया है।

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रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव से पहले रूस के साइबर हैकर्स यूरोपीय संघ के सरकारी संस्थानों पर हमले कर डाटा चुराने की फिराक में हैं। इसके लिए रूस के दो हैकिंग ग्रुप एपीटी28 और सैंडवॉर्म फिशिंग ईमेल के जरिये डाटा चुराने की कोशिश में हैं। साइबर अपराध में एपीटी28 को फैंसी बियर के नाम से भी जाना जाता है।

'फायरआइ' कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक बेंजामिन रीड का कहना है कि हमले के पीछे की वजह रूस द्वारा राजनीतिक फैसलों की अधिक से अधिक जानकारी हासिल करना या डाटा लीक कर चुनाव को प्रभावित करना हो सकता है। यह किसी खास राजनीतिक दल या उम्मीदवार को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से भी हो सकता है।

पिछले महीने सॉफ्टवेयर जगत की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भी यूरोपीय लोकतांत्रिक संस्थाओं के 104 ऐसे अकाउंट के बारे में बताया था जो हैकर्स के निशाने पर थे। इनमें विदेश मामले की जर्मन परिषद, आसपेन इंस्टीट्यूट इन यूरोप और जर्मन मार्शल फंड जैसी संस्थाओं के आधिकारिक अकाउंट शामिल थे।


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