अब पढ़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया आ सकेंगे विदेशी छात्र, 25 जून से खुलेगा एफिल टॉवर
ऑस्ट्रेलिया ने छात्रों और लंबे समय के लिए आने वाले विदेशी यात्रियों को प्रवेश में छूट देने की बात कही है वहीं ताइवान ने व्यापारिक यात्रियों को आने की अनुमति देने का एलान किया ।
कैनबरा, एजेंसियां। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व के देशों द्वारा प्रतिबंधों में ढील देने का सिलसिला जारी है। ऑस्ट्रेलिया ने जहां छात्रों और लंबे समय के लिए आने वाले विदेशी यात्रियों को प्रवेश में छूट देने की बात कही है, वहीं ताइवान ने अगले सप्ताह से ऐसे देशों के व्यापारिक यात्रियों को आने की अनुमति देने का एलान किया है, जहां पर संक्रमण का जोखिम कम रहा है।
एफिल टॉवर को 25 जून से दोबारा खोलने की तैयारी
उधर, फ्रांस में दुनिया के सात अजूबों में से एफिल टॉवर को 25 जून से दोबारा खोलने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल लोगों को पहली और दूसरी मंजिल पर ही जाने की अनुमति होगी। बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहला मौका है जब इतने दिनों तक एफिल टॉवर को बंद रखा गया। ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री साइमन बर्मिघम ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए फिलहाल अगले साल से पहले सीमा खोले जाने की संभावना नहीं है।
छात्रों को 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रहना होगा
हालांकि, छात्रों और लंबे समय तक देश में रहने आने वाले यात्रियों को छूट देने का फैसला लिया गया है। ऐसे लोगों को ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश के बाद कम से कम 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रहना होगा। माना जा रहा है कि इस कदम से यहां के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र वापस आएंगे, जिससे आर्थिक तंगी से जूझ रहे इन यूनिवर्सिटी को राहत मिलेगी। बता दें कि यहां की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया को लगभग दो लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा मिलती है।
व्यापारिक यात्रियों को आने की अनुमति मिली
उधर, ताइवान ने सोमवार से न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, थाइलैंड, दक्षिण कोरिया, मकाउ, मलेशिया, सिंगापुर, हांगकांग और जापान से आने वाले व्यापारिक यात्रियों को आने की अनुमति दे दी है। आने वाले सभी लोगों को ना केवल 14 दिनों तक क्वारंटाइन में रहना होगा बल्कि यह भी सिद्ध करना होगा कि उन्हें किसी कंपनी ने आमंत्रित किया है।
मैक्सिको में साढ़े चार हजार नए केस
मैक्सिको में साढ़े चार हजार नए केस मैक्सिको ने चर्च और धार्मिक स्थलों को खोलने का एलान भले ही कर दिया हो, लेकिन देश में संक्रमण का दायरा बढ़ता ही जा रहा है। पिछले चौबीस घंटे में वहां 4,599 संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं। इस तरह वहां संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1,54,863 हो गई है। 730 लोगों की मौत के साथ ही देश में मृतकों की संख्या 18,130 हो गई है। जो लोग कोरोना संक्रमित हैं, उनमें 24 फीसद स्वास्थ्य कर्मी हैं। 32,388 डॉक्टर, नर्स और टेक्नीशियन कोरोना संक्रमित हैं, इनमें से 463 की मौत हो गई है।
पुतिन के घर के बाहर डिसइंफेक्शन टनल बनाई गई
पुतिन के घर के बाहर डिसइंफेक्शन टनलरूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन को कोरोना से बचाने के लिए उनके घर के बाहर डिसइंफेक्शन टनल बनाई गई है। अगर कोई भी व्यक्ति उनसे मिलना चाहता है तो उसे पहले इस टनल से होकर गुजरना होगा। एक टनल मास्को के बाहरी क्षेत्र में स्थित उनके आवास पर लगाई गई है जबकि दो टनल उनके सरकारी कार्यालय के बाहर लगाई गई हैं।
कोरोना का असर
- न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने देश की सीमा पर चले क्वारंटाइन सेंटर की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ सैन्य अफसर को तैनात किया है।
- सिंगापुर में संक्रमण के 247 नए मामले सामने आए हैं। अधिकांश मामले डॉर्मिटरी में रहने वाले विदेशी कामगारों से जुड़े हैं।
- बांग्लादेश में संक्रमण के चार हजार नए मामले सामने आए हैं। इस तरह वहां संक्रमित मरीजों की तादाद 98,489 हो गई है। अब तक 1305 लोगों की मौत हुई है।
- पिछले चौबीस घंटे के दौरान पाकिस्तान में 136 लोगों की मौत हुई है। इस तरह देश में कोरोना से जान गंवाने वालों की संख्या 2,975 हो गई है। संक्रमण के 5,839 नए मामले सामने आए हैं। मरीजों की संख्या 154,760 हो गई है।
- जर्मनी में कांट्रैक्ट ट्रेसिंग एप को एक दिन में 65 लाख लोगों ने डाउन लोड किया। इस एप का प्रयोग पूरी तरह स्वैच्छिक है। खास बात यह है कि एप में मांगी गई जानकारी सेंट्रल सर्वर में स्टोर होने के बजाय फोन में रहेगी। इस मंगलवार को लांच किया गया था।
- होंडुरास के राष्ट्रपति जुआन ओरलैंडो हर्नानडेज का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। -जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक दुनियाभर में मरीजों की संख्या 81 लाख से ज्यादा हो गई है, जबकि चार लाख 41 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
- स्पेन में कोरोना से जान गंवाने वाले 27 हजार लोगों की याद में 16 जुलाई को होने वाले कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वयं किंग फेलिप करेंगे। इस दौरान यूरोपीय यूनियन के कुछ बड़े अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।