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उत्तर कोरियाई नेता किम ने सैन्य ताकत बढ़ाने का लिया संकल्प, अमेरिका पर साधी चुप्‍पी, जानें इसके मायने

उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करने का संकल्प लिया है। उन्होंने वायरस रोधी कठोर कदमों को जारी रखने पर जोर दिया है। जानें किम के पैंतरे के क्‍या हैं सियासी मायने...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 07:14 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 07:33 PM (IST)
उत्तर कोरियाई नेता किम ने सैन्य ताकत बढ़ाने का लिया संकल्प, अमेरिका पर साधी चुप्‍पी, जानें इसके मायने
उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने सैन्य ताकत को और मजबूत करने का संकल्प लिया है।

सियोल, एपी। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करने का संकल्प लिया है। उन्होंने वायरस रोधी कठोर कदमों को जारी रखने पर जोर दिया है। इसी सप्ताह एक अहम राजनीतिक कांफ्रेंस में किम ने आर्थिक स्थिति सुधारने पर भी बल दिया। सरकारी मीडिया ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि किम ने अपने संबोधन में अमेरिका और दक्षिण कोरिया को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।

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आखिर क्‍या चाहता है किम

कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि इससे संकेत मिलता है कि वाशिंगटन और सियोल के साथ वार्ता बहाल करने में किम की कोई रुचि नहीं है। इसकी जगह वह महामारी के कारण उत्पन्न हालात से उबरकर आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की इच्छा रखते हुए अपने देश की सीमाओं को बंद रखना चाहते हैं।

विशेषज्ञों ने कही यह बात

उत्तर कोरिया में राजनीतिक अस्थिरता का कोई संकेत नहीं है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मौजूदा हालात जारी रहा तो किम का लंबे समय तक सत्ता में बने रहने पर सवाल उठ सकता है। कोरोना महामारी, अमेरिकी प्रतिबंधों और प्राकृतिक आपदाओं के चलते उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था को गहरा आघात लगा है।

सैनिकों से की थी एकजुट रहने की अपील

बीते बृहस्‍पतिवार को किम जोंग उन ने अपने 12 लाख सैनिकों से शीर्ष नेता की ताकत बनने और जान देकर भी उनकी रक्षा करने की अपील की। उत्‍तर कोरियाई मुखपत्र 'रोडोंग सिनमुन' ने अपने संपादकीय में कहा कि उत्तर कोरिया के सैन्य कमांडर और सैनिकों को किम की रक्षा करने के लिए एक अभेद्य किले के रूप में बन जाना चाहिए।

हाल ही में बुलाई थी बैठक

हाल ही में उत्तर कोरिया ने सरकार की नई नीतियों पर चर्चा करने के लिए एक राजनीतिक सम्मेलन आयोजित किया था। इसमें किम जोंग उन ने सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की केंद्रीय समिति की पूर्ण बैठक की अध्यक्षता की थी। इसमें नए साल की प्रमुख नीतियों की समीक्षा की गई और रणनीतिक और सामरिक नीतियों पर फैसला लिया गया। मालूम हो कि यह पूर्ण बैठक उत्तर कोरिया में सर्वोच्च स्तर की निर्णय निर्धारण ईकाई होती है। 


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