Flood In North Korea: किम जोंग-उन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया, पीड़ितों की मदद के दिए आदेश
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने हाल ही में भारी बारिश के बाद उत्तरी ह्वांगहे प्रांत में बाढ़ से प्रभावित गांव का दौरा किया।
सियोल, आइएएनएस। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने हाल ही में भारी बारिश के बाद उत्तरी ह्वांगहे प्रांत में बाढ़ से प्रभावित गांव का दौरा किया। राज्य-मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था इस इलाके के 900 से अधिक घरों में पानी भर गया था, जिसके चलते वहां लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
भारी बारिश से बांध टूटा
यहां पर भारी बारिश के कारण बांध टूट गया। केसीएनए ने बताया कि बांध टूटने से 730 से अधिक मकान और 600 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई। हालांकि किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है। किम ने घटनास्थल का दौरा किया और विस्थापित लोगों के लिए शिविर लगाने तथा भोजन उपलब्ध कराने का आदेश दिए हैं।
क्षतिग्रस्त स्थानों के पुनर्निर्माण में आवश्यक आपूर्ति का एलान
प्योंगयांग की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) ने कहा कि अनफा काउंटी के ताइचोंग-री क्षेत्र की यात्रा के दौरान, किम ने अधिकारियों को बाढ़ पीड़ितों को अनाज का अपना विशेष स्टॉक भेजने और क्षतिग्रस्त स्थानों के पुनर्निर्माण में आवश्यक आपूर्ति के उपयोग की सुविधा देने का आदेश दिया है।
ह्वांगहे प्रांत में भारी बरिश की चेतावनी
केसीएनए की रिपोर्ट में किम के हवाले से कहा गया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को दैनिक वस्तुओं, दवाओं और अन्य आवश्यकताओं की आपूर्ति करना प्राथमिकता है। उन्होंने संबंधित क्षेत्र के राज्य मामलों के आयोग के अध्यक्ष के आरक्षित खाद्य अनाज के साथ पीड़ित क्षेत्र में हर घर की आपूर्ति पर एक दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिए हैं। हालांकि केसीएनए ने किम की यात्रा की तारीख को निर्दिष्ट नहीं किया है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को क्षतिग्रस्त स्थलों कानिरीक्षण किया है, क्योंकि मंगलवार से शुरू होने वाले दो दिनों के लिए ह्वांगहे प्रांत में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई थी।
2015 में किया था बाढ़ग्रस्त उत्तरपूर्वी शहर का दौरा
बता दें कि इससे पहले सरकारी मीडिया ने सितंबर 2015 में किम ने बाढ़ग्रस्त उत्तरपूर्वी शहर में मरम्मत के काम का जायजा लिया था। किम का ताजा दौरे को ऐसे नेता की छवि मजबूत करने के तौर पर देखा जा सकता है जो जनता की परवाह करता है। क्योंकि अभी कोरोना महामारी के कारण उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था जर्जर हालत में है। बाढ़ से उत्तर कोरिया का आर्थिक संकट और बढ़ेगा।