जानें- क्यों रहस्य बनी है उत्तर कोरिया की ट्रेन, बैलेस्टिक मिसाइल लान्च से क्या है ड्रैगन का कोई कनेक्शन
दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी का कहना है कि उत्तर कोरिया से रविवार को एक ट्रेन चीन के शहर डांडोंग गई थी। इसके बाद एक दूसरी ट्रेन भी चीन के शहर पहुंची थी। इस बीच में ही उत्तर कोरिया ने बैलेस्टिक मिसाइल लान्च की थीं।
सिओल (यानहाप)। उत्तर कोरिया द्वारा सोमवार को जापान सागर में लान्च की गई दो बैलेस्टिक मिसाइल से एक दिन पहले उत्तर कोरिया की एक ट्रेन दोनों देशों के बीच मौजूद यालू नदी पर बने पुल से होकर चीन की सीमा में गई थी। जानकारी के मुताबिक ये ट्रेन चीन के डांडोंग शहर तक गई थी। हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकती है कि इस ट्रेन में क्या था और क्या लेकर ये वापस आई। इसलिए ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या बैलेस्टिक मिसाइल से चीन का कोई संबंध है या नहीं।
बता दें कि उत्तर कोरिया से गई पहली ट्रेन के चीन से निकलने के बाद उत्तर कोरिया से दूसरी ट्रेन चीन के लिए रवाना हुई थी। एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस ट्रेन के जरिए उत्तर कोरिया ने सहायता सामग्री और आपात स्थिति में इस्तेमाल होने वाली चीजें चीन से मंगवाई है। हालांकि ये क्या हैं इस बारे में कुछ पता नहीं चल सका है। यानहाप की रिपोर्ट में कहा यगा है कि उत्तर कोरिया के शिनुइजू से दूसरी ट्रेन सोमवार सुबह चीन की तरफ रवाना हुई थी। बताया ये भी जा रहा है कि ये कार्गो ट्रेन खाली थी। हालांकि दक्षिण कोरिया के अधिकारी इसकी तह तक जाने की बात कर चुके हैं।
आपको बता दें कि कोरोना महामारी शुरू होने के बाद काफी समय तक दोनों देशों की सीमाएं करीब-करीब सील कर दी गई थीं। करीब डेढ़ वर्ष उत्तर कोरिया से पहली ट्रेन को यालू नदी के ऊपर बने ब्रिज से चीन की सीमा में जाते देखा गया है। फिलहाल दक्षिण कोरिया के लिए चीन जाने वाली ये ट्रेन एक रहस्य बनी हुई है। वो भी तब जब उत्तर कोरिया ने इस माह में चौथी बार मिसाइल लान्च की है। इससे पहले उत्तर कोरिया ने ट्रेन बाउंड टेक्टिकल गाइडेड मिसाइल लान्च की थी।
सूत्रों का कहना है कि चीन से उत्तर कोरिया ने मेडिकल सप्लाई मंगवाई है जो कार्गो ट्रेन की करीब 15 बोगियों में थी। उत्तर कोरिया की तरफ से ये ट्रेन ऐसे समय में चीन भेजी गई है जब 1 फरवरी को लूनार न्यू ईयर भी है। वहीं 4 फरवरी को बीजिंग में विंटर ओलंपिक की शुरुआत हो रही है और 16 फरवरी को किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल की जयंती भी है। सूत्रों की तरफ से ये भी जानकारी सामने आई है कि उत्तर कोरिया की तरफ से की गई ये शुरुआत फिलहाल आगे भी जारी रहने की उम्मीद है।
इस बीच दक्षिण कोरिया के यूनिफिकेशन मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि वो इस पर निगाह बनाए हुए है कि ट्रेन से किस तरह की चीजें इधर से उधर भेजी जा रही हैं। ये दो देशों के बीच लोगों की आवाजाही और व्यापार के लिए है या इसके कुछ और मायने हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता ली जोंग जू का कहना है कि मंत्रालय इस बात पर भी निगाह रख रहा है कि ट्रेन से किस मात्रा में कौन सी सामग्री लाई या भेजी जा रही है।
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