इस कुख्यात देश के हैकर ने भारतीय बैंक पर साइबर हमला कर लूटे थे 93 करोड़ रुपये
यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरियाई हैकर ने बैंक के सिस्टम में सेंध लगाकर 28 देशों में मौजूद 14 हजार एटीएम से एक साथ 1.35 करोड़ डॉलर (करीब 93 करोड़ रुपये) निकाल लिए थे।
संयुक्त राष्ट्र, आइएएनएस। पिछले साल अगस्त में पुणे के कॉसमॉस बैंक पर हुए साइबर हमले में उत्तर कोरिया का हाथ था। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरियाई हैकर ने बैंक के सिस्टम में सेंध लगाकर 28 देशों में मौजूद 14 हजार एटीएम से एक साथ 1.35 करोड़ डॉलर (करीब 93 करोड़ रुपये) निकाल लिए थे। इसके अलावा हांगकांग स्थित कंपनी के अकाउंट में भी फंड ट्रांसफर किया गया था।
सुरक्षा परिषद के विशेषज्ञों के पैनल की यह रिपोर्ट इस हमले के सात महीने बाद आई है। यह पैनल उत्तर कोरिया पर लगे प्रतिबंधों की निगरानी करता है। रिपोर्ट के अनुसार, यूएन के प्रतिबंधों के चलते उत्तर कोरिया विदेशी धन की कमी से जूझ रहा है। इसी वजह से वह साइबर हमले जैसे हथकंडे अपना रहा है।
ह्युग ग्रिफिथ्स की अध्यक्षता वाले पैनल की रिपोर्ट का कहना है, 'इस साइबर हमले को बेहद सुव्यवस्थित और सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। इसने एटीएम और बैंक हमले के लिए इंटरपोल द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश में मौजूद तीन परतों वाली रक्षा प्रणाली को धता बता दिया।'
अमेरिका ने हैकिंग समूह लजारस ग्रुप के पार्क जिन ह्योक को इस मामले में आरोपित किया है। उस पर उत्तर कोरिया के लिए वायर फ्रॉड और कंप्यूटर सिस्टम में घुसपैठ की साजिश रचने का आरोप है। पार्क और उसके सहयोगी बांग्लादेश के बैंक से 8.1 करोड़ डॉलर (करीब 560 करोड़ रुपये) के फंड का ट्रांसफर करने के भी जिम्मेदार थे।