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उत्‍तर कोरिया ने फिर किया मिसाइल टेस्‍ट, इस माह में ये तीसरा परीक्षण, पड़ोसी देशों की बढ़ी धड़कन,

उत्‍तर कोरिया ने इस माह अपनी तीसरी मिसाइल का परीक्षण किया है। उत्‍तर कोरिया ने ऐसा करके सीधा संदेश दिया है कि उस पर अमेरिकी प्रतिबंधों का कोई असर नहीं होने वाला है। इस परीक्षण से कोरियाई प्रायद्वीप में संकट के बादल छाते दिखाई दे रहे हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 08:05 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 10:37 AM (IST)
उत्‍तर कोरिया ने फिर किया मिसाइल टेस्‍ट, इस माह में ये तीसरा परीक्षण, पड़ोसी देशों की बढ़ी धड़कन,
उत्‍तर कोरिया ने लान्‍च की दो मिसाइलें (फाइल फोटो)

प्‍योंगयांग (एएफपी)। उत्तर कोरिया ने दो रेलवे-जनित सामरिक निर्देशित मिसाइलें (railway-borne tactical guided missiles) दागीं हैं। उत्‍तर कोरिया की मीडिया ने के मुताबिक अमेरिका के नए प्रतिबंधों के बावजूद उत्‍तर कोरिया ने महीने ये तीसरा मिसाइल परीक्षण किया है। उत्‍तर कोरिया ने ऐसा करके सीधा संदेश दिया है कि उस पर अमेरिकी प्रतिबंधों का कोई असर नहीं होने वाला है। इस परीक्षण से कोरियाई प्रायद्वीप में संकट के बादल छाते दिखाई दे रहे हैं।

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इससे पहले उत्‍तर कोरिया ने 6 और 11 जनवरी 2022 को भी एक 'बैलिस्टिक मिसाइल' का परीक्षण किया था। सितंबर 2021 में भी उत्‍तर कोरिया ने इसी तरह की एक मिसाइल का परीक्षण किया था। बता दें कि उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने हाल ही में देश के परमाणु हथियार कार्यक्रम के विस्तार का आह्वान किया है। यहां पर आपको ये भी बता दें कि उत्‍तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपने पिता और दादा की ही राह पर आगे चल रहे हैं।

सत्‍ता में आने के बाद से किम जोंग उन लगातार अपने परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में लगे हुुए हैं। सत्‍ता में आने के बाद फरवरी 2013 में न्‍यूक्लियर बम का भी टेस्‍ट किया था। वर्ष 2016 में जनवरी से लेकर 2018 की शुरुआत तक उत्‍तर कोरिया ने करीब 90 मिसाइल परीक्षण किए थे। वहीं यदि उनके पिता और दादा की बात करें तो उनके शासन काल में इसकी तुलना में आधे से भी कम परीक्षण किए गए थे। किम का साफ कहना है कि अमेरिका उनके देश को परमाणु हथियार की ताकत पर ब्‍लैकमेल नहीं कर सकता है।

आपको बता दें कि कोरियाई युद्ध में अमेरिका के हस्‍तक्षेप से मिली करारी हार के बाद से ही उत्‍तर कोरिया और अमेरिका के बीच दुश्‍मनी गहराती गई है। इस दुश्‍मनी की खाई को सबसे पहले उत्‍तर कोरिया के संस्‍थापक और किम जोंग उन के दादा ने बढ़ाना शुरू किया था। इसके बाद उनके पिता और अब वो खुद इसको और अधिक चौड़ा करने में लगे हैं।  

यहां पर ये भी बताना जरूरी हो जाता है कि हाइपरसोनिक मिसाइल और बैलेस्टिक मिसाइल में कुछ मूलभूत अंतर होते हैं। इनमें से एक अंतर इसकी स्‍पीड का होता है तो दूसरा अंतर इस धरती के वातावरण से बाहर निकलने की दूरी का होता है। 


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