उत्तर कोरिया का अमेरिका पर दबाव, परमाणु वार्ता से विदेश मंत्री पोंपियो को हटाने की मांग
उत्तर कोरिया ने कहा कि वह माइक पोंपियो के साथ वार्ता नहीं करना चाहता। अगर वह रहते हैं तो वार्ता फिर विफल हो जाएगी। इसलिए उनकी जगह किसी परिपक्व व्यक्ति को नियुक्त किया जाना चाहिए।
सियोल, रायटर/एएफपी। उत्तर कोरिया ने अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस कवायद में उसने गुरुवार को पहले एक नए हथियार का परीक्षण किया और फिर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो को वार्ता से हटाने की मांग की। उत्तर कोरिया ने कहा कि वह पोंपियो के साथ अब वार्ता नहीं करना चाहता। अगर वह रहते हैं तो वार्ता फिर विफल हो जाएगी। इसलिए उनकी जगह किसी परिपक्व व्यक्ति को नियुक्त किया जाना चाहिए। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच गत फरवरी में वियतनाम में दूसरी बार शिखर वार्ता हुई थी। यह वार्ता बेनतीजा समाप्त हुई थी। दोनों की पहली शिखर वार्ता गत जून में सिंगापुर में हुई थी।
उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए ने गुरुवार को विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी क्वोन जोंग गन के हवाले से कहा 'अगर अमेरिका ने उस मूल कारण को नहीं हटाया जिससे उत्तर कोरिया परमाणु हथियार विकसित करने के लिए विवश होगा, तो कोई भी व्यक्ति कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति के बारे में अनुमान नहीं लगा सकेगा। मुझे यह डर है कि अगर पोंपियो के साथ फिर वार्ता होती है तो यह फिर उलझ जाएगी। अगर अमेरिका के साथ दोबारा बातचीत शुरू होती है, तो उस सूरत में मेरी यह इच्छा है कि हमारी बातचीत पोंपियो के साथ ना हो।'
ट्रंप-किम वार्ता के बाद पहला परीक्षण
क्वोन जोंग गन के इस बयान से कुछ घंटे पहले ही यह एलान किया गया था कि किम जोंग उन की निगरानी में उत्तर कोरिया ने एक नए गाइडेड हथियार का परीक्षण किया है। केसीएनए ने नए हथियार के बारे में ज्यादा विवरण नहीं दिया, लेकिन कहा कि सामरिक दृष्टि से यह शक्तिशाली हथियार है। वियतनाम में ट्रंप और किम की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद उत्तर कोरिया ने पहली बार किसी हथियार का परीक्षण किया है।