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जर्मनी में बेनाम हैं इस शहर की सड़कें, ऐसे की जाती है घरों की पहचान

उत्तर पश्चिमी जर्मनी के हिलगर्मिसन शहर की खासियत है कि यहां सड़कों के नाम नहीं है। घरों के नंबर के आधार पर लोगों तक बिजली का बिल और डाक-पत्र वगैरह पहुंचते हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 01:16 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 01:16 PM (IST)
जर्मनी में बेनाम हैं इस शहर की सड़कें, ऐसे की जाती है घरों की पहचान
जर्मनी में बेनाम हैं इस शहर की सड़कें, ऐसे की जाती है घरों की पहचान

बर्लिन, एजेंसी। उत्तर पश्चिमी जर्मनी के हिलगर्मिसन शहर की खासियत है कि यहां सड़कों के नाम नहीं है। घरों के नंबर के आधार पर लोगों तक बिजली का बिल और डाक-पत्र वगैरह पहुंचते हैं। हालांकि आपातकालीन सेवा, डिलीवरी सुविधा और शहर के बाहर से आए लोगों को पता खोजने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान रखते हुए हाल ही में नगर पालिका ने सभी सड़कों को नाम देने का फैसला किया और इस बारे में स्थानीय लोगों से भी राय मांगी।

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पसंद नहीं आया जनमत संग्रह 

हालांकि लोगों को नगर पालिका का ये विचार पसंद नहीं आया और ज्यादातर लोगों ने इसका विरोध जताया। नगर पालिका ने 2,200 की आबादी वाले इस शहर में सहमति और असहमति जानने के लिए मतदान कराया। 60 फीसद लोगों ने सड़कों को बेनाम रखने के लिए मत दिया जिसके बाद फिलहाल ये काम स्थगित कर दिया है।

दो साल तक नहीं कराया जा सकता जनमत संग्रह 

दरअसल हिलगर्मिसन शहर 1970 में कई गांवों को मिलाकर बना था। उस समय यहां पर घरों की पहचान दिए गए नंबर पर होती थी। वही पुरानी रीति यहां पर अभी भी चल रही है। तीन बार यहां पर जनमत संग्रह कराया गया। रविवार को कराया गया जनमत संग्रह दो साल के लिए बाध्यकारी है। बता दें कि इस शहर में अब जो नए मकान या इमारतें बन रही हैं, उससे और लोगों की दिक्कतें बढ़ रही हैं।  


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