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Sri lanka Crisis: श्रीलंका की संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, प्रदर्शनों के बीच 119 सांसदों ने विरोध में की वोटिंग

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव मंगलवार को संसद में गिर गया। आजादी के बाद सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया से इस्तीफा देने की मांग के लिए देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 08:58 PM (IST)
Sri lanka Crisis: श्रीलंका की संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, प्रदर्शनों के बीच 119 सांसदों ने विरोध में की वोटिंग
श्रीलंका में राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा

कोलंबो, प्रेट्र: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव मंगलवार को संसद में गिर गया। आजादी के बाद सबसे गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया से इस्तीफा देने की मांग के लिए देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

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68 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में किया मतदान

स्थानीय अखबार 'इकोनमी नेक्स्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) के सांसद एमए सुमंथिरन ने राष्ट्रपति राजपक्षे के प्रति नाराजगी जताने वाले प्रस्ताव पर बहस के लिए संसद के स्थायी आदेशों को स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया था। 119 सांसदों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ और सिर्फ 68 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्ताव के जरिये विपक्ष ने यह दिखाने की कोशिश की कि राष्ट्रपति गोटाबाया के इस्तीफे की देशव्यापी मांग देश की विधायिका में कैसे परिलक्षित होती है।

प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान

मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालवेगाया (एसजेबी) के सांसद लक्ष्मण किरीला ने प्रस्ताव का समर्थन किया। वहीं, एसजेबी के सांसद हर्ष डिसिल्वा ने बताया कि प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने वालों में नव-नियुक्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी शामिल हैं। मालूम हो कि श्रीलंका की संसद में कुल सदस्य संख्या 225 है। ऐसे में किसी भी गठबंधन या दल को बहुमत के लिए 113 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है।

सत्तारूढ़ दल के सांसद को चुना गया डिप्टी स्पीकर

श्रीलंका की संसद ने मंगलवार को तीखी बहस के बाद गुप्त मतदान के जरिये सत्तारूढ़ दल श्रीलंका पोडुजना पेरेमुना (एसएलपीपी) के सांसद अजित राजपक्षे को डिप्टी स्पीकर चुन लिया। रानिल विक्रमसिंघे को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद यह संसद की पहली बैठक थी। अजित को 109 वोट मिले, जबकि मुख्य विपक्षी दल एसजेबी की रोहिणी कविरत्ने को 78 मतों से संतोष करना पड़ा। अजित का सत्तारूढ़ राजपक्षे परिवार से कोई संबंध नहीं है, लेकिन वह उन्हीं के हंबनटोटा जिले से आते हैं।

अशोक वाटिका भी वित्तीय संकट से अछूती नहीं

देश में जारी संकट से रामायण काल की नुवारा एलिया स्थित अशोक वाटिका भी अछूती नहीं है। श्रीलंका में इसे सीता अम्मन मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर के चेयरमैन और नुवारा एलिया से सांसद वी. राधाकृष्णन ने कहा कि भारत खासकर उत्तर भारत से इस मंदिर में काफी श्रद्धालु आते हैं, लेकिन अब कोई भी नहीं आ रहा है। मंदिर का रखरखाव मुश्किल हो रहा है क्योंकि इसका विकास श्रद्धालुओं और पर्यटकों पर निर्भर है। पर्यटक श्रीलंका आने से डर रहे हैं।


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