जेलों की दशा और मनोदशा का हवाला देकर नीरव को बचाने की कोशिश में जुटे उसके वकील
भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी का मानसिक स्वास्थ्य और भारतीय जेलों की दशा अब ब्रिटिश कोर्ट में चर्चा का विषय बन गई है। जानें नीरव मोदी के वकीलों ने क्या कहा...
लंदन, पीटीआइ। भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी का मानसिक स्वास्थ्य और भारतीय जेलों की दशा अब ब्रिटिश कोर्ट में चर्चा का विषय बन गई है। इन्हीं दोनों बातों को आगे कर नीरव के वकील उसे भारत प्रत्यर्पित होने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। भारत में पंजाब नेशनल बैंक से 12 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला कर भागा नीरव मोदी इन दिनों लंदन की जेल में हैं। वहीं की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में उसके भारत प्रत्यर्पण के संबंध में मुकदमा चल रहा है।
वैंड्सवर्थ जेल में बंद नीरव की वीडियो लिंक के जरिये कोर्ट में पेशी हो रही है। करीब डेढ़ साल से जेल में बंद नीरव मोदी खुद को बीमार दिखाने की कोशिश कर रहा है। उसके वकील भी कोर्ट में दलील दे रहे हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए नीरव को उसकी कोठरी से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा। इससे उसका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो गया है और अब उसे उचित इलाज की जरूरत है।
कोर्ट में लगातार चल रही सुनवाई में नीरव की वकील क्लेयर मॉन्टगुमरी ने मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरकों पर सवाल उठाया। कहा कि उनमें हवा जाने का इंतजाम तक नहीं है जिसकी वजह से वे गर्म, धूल व सीलन से भरी रहती हैं। उनमें कई तरह के कीड़े-मकोड़े भी रहते हैं। ऐसे में वहां पर नीरव का स्वास्थ्य और बिगड़ जाएगा। बचाव पक्ष ने अपनी दलीलों को सही साबित करने के लिए ब्रिटेन के जेल मामलों के विशेषज्ञ डॉ. एलेन मिशेल की राय को भी कोर्ट के समक्ष रखा।
मिशेल ने शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए चल रहे मुकदमे में पेश होकर भारतीय जेलों की दशा खराब बताई थी। बुधवार को नीरव के वकीलों ने भारत में चल रहे मीडिया ट्रायल के बारे में कोर्ट बताकर कहा कि वहां पर उनके मुअक्किल को सही न्याय नहीं मिल पाएगा। कल हीरा कारोबारी नीरव मोदी के वकीलों ने ब्रिटिश कोर्ट में नया बहाना पेश करते हुए कहा कि भारत में नीरव का मामला राजनीति का शिकार हो गया है। ऐसे में भारत भेजे जाने पर नीरव को वहां आत्महत्या भी करनी पड़ सकती है।