न्यूजीलैंड में फिर सिर उठा रहा कोरोना वायरस, टल सकते हैं चुनाव और बढ़ सकता है लॉकडाउन
कोरोना वायरस के नए मामले सामने आने के बाद ऑकलैंड में लॉकडाउन लगा दिया गया है। पीएम ने आशंका जताई है कि यदि रोकथाम नहीं की गई तो चुनावों को भी टाला जा सकता है।
वेलिंगटन (रॉयटर्स)। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जहां पूरी दुनिया परेशान है और बीते सात माह से लगातार इससे निजात पाने की कोशिश कर रही है वहीं इसकी वजह से न्यूजीलैंड में इस वर्ष सितंबर में होने वाले चुनावों को टाला जा सकता है। रॉयटर्स के मुताबिक यहां पर अब तक इस जानलेवा वायरस के 1570 मामले सामने आ चुके हैं और 22 लोगों की जान अब तक जा चुकी है। वहीं 1526 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। आपको बता दें कि न्यूजीलैंड की इस वायरस की रोकथाम को लेकर उठाए गए कदमों की वजह से काफी तारीफ भी हुई थी। इतना ही नहीं बीते तीन माह से अधिक गुजर जाने के बाद भी यहां पर इस वायरस से संक्रमित कोई मामला सामने नहीं आया था। लेकिन मंगलवार को ऑकलैंड में चार लोगों को संक्रमित पाया गया। आपको बता दें कि ऑकलैंड देश का सबसे बड़े शहर है और यहां की आबादी करीब 15 लाख है।
प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न का कहना है कि यदि इस वायरस की रोकथाम नहीं हो पाई तो सितंबर में होने वाले चुनावों में देरी हो सकती है। उनके मुताबिक इसको लेकर चुनाव आयोग से भी विचार विमर्श किया जा रहा है जिससे सारे विकल्पों पर विचार किया जा सके। आर्डर्न ने नए मामलों को चिंतित करने वाला बताया लेकिन कहा कि एक ही परिवार के उन चारों सदस्यों के संक्रमित होने के संभावित कारण को ढूंढने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। आपको बता दें कि बुधवार को ही चुनाव के लिए देश की संसद को भंग किया जाना था। एक सांसद के मुताबिक अभी ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है लेकिन 13 अक्टूबर 2020 से पहले इस पर फैसला लिया जा सकता है। वहीं कंजर्वेटिव नेशनल पार्टी ने कहा कि अगर हालात की यही मांग है तो वे चुनावों में देरी के लिए तैयार हैं।
इन नए मामलों के सामने आने के बाद एक बार फिर से इस शहर में लॉकडाउन लगाया गया है। फिलहाल डॉक्टर और प्रशासन इन चारों संक्रमित व्यक्तियों के साथ संपर्क में आए सभी व्यक्तियों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है। बुधवार को ऑकलैंड के सभी निवासियों को तीन दिनों तक घर में ही रहने का आदेश दिया गया है। इस लॉकडाउन की खबर के बाद लोगों ने आनन-फानन में खरीदारी भी की साथ ही कोविड-19 जांच केंद्रों पर भी लंबी कतारें देखी गई हैं। नए प्रतिबंधों को लागू करने के लिए पुलिसकर्मी सड़कों पर निगरानी कर रहे हैं। सभी से मास्क लगाकर रखने को कहा गया है। एहतियात के तौर पर स्वास्थ्यकर्मी संक्रमण के हॉटस्पॉट बनने की आशंका के मद्देनजर देश के ओल्ड एज होम को बंद कर रहे हैं।
ओटागो विश्वविद्यालय की महामारी विशेषज्ञ अमांडा क्वालस्विग की मानें तो यदि संक्रमण के स्रोत का पता जल्द नहीं चल पाया तो लॉकडाउन को आगे भी बढ़ाया जा सकता है। उनके मुताबिक सरकार का लक्ष्य अलर्ट लेवल वन और एलिमिनेशन स्टेटस फिर से हासिल करने का है। लेकिन ये सब कुछ रातों-रात में नहीं होगा। नए मामले अगर सामने आना बंद भी हो जाएं तो वायरस पर फिर से काबू पाने में समय लगेगा।