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न्यूजीलैंड की नई संसद में देखने को मिलेगी विविधता की मिसाल, हर वर्ग के लोग होंगे शामिल

न्यूजीलैंड में गठित होने जा रही संसद आज तक की सबसे ज्यादा विविधता वाली संसद होगी। पहली बार इस संसद में अश्वेत लोग एलजीबीटीक्यू समूह के लोग स्थानीय समुदायों के मूल निवासी और महिलाएं इतनी बड़ी संख्या में शामिल होंगे।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 12:54 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 06:58 PM (IST)
न्यूजीलैंड की नई संसद में देखने को मिलेगी विविधता की मिसाल, हर वर्ग के लोग होंगे शामिल
न्यूजीलैंड में सत्ताधारी लेबर पार्टी की नेता जैसिंडा आर्डर्न। (फाइल फोटो)

न्यूजीलैंड, रॉयटर्स। न्यूजीलैंड में सत्ताधारी लेबर पार्टी को इस बार के चुनाव में भारी बहुमत मिला है। इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री जैसिंडा आर्डर्न के प्रदर्शन को दिया जा रहा है। एक बात ये भी देखने वाली है कि आर्डर्न के पास पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का विकल्प मौजूद है मगर उसके बाद भी वो अपने पूर्व सहयोगी दल के सदस्यों को संसद में शामिल करने जा रही है। वो अपने पूर्व सहयोगी को साथ लेकर चलना चाहती हैं। जेसिंडा जीत के बाद देश की नई संसद का गठन करने जा रही है। उनकी लेबर पार्टी ने 120 में से इस बार 64 सीटें जीत ली हैं।

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37 साल में बन गई थीं प्रधानमंत्री 

खुद प्रधानमंत्री आर्डर्न की विश्व पटल पर पहचान 2017 में ही बनी जब 37 साल की उम्र में न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री बनने वाली वह विश्व की सबसे युवा राष्ट्रप्रमुख बनीं। अब दूसरे कार्यकाल में उनसे उम्मीद लगाई जा रही है कि वह इतनी विविधता भरी संसद के साथ देश को और भी प्रगतिशील बनाएंगी। आर्डर्न को दुनिया भर में और खासकर उनके अपने देश में महिला अधिकारों की समर्थक, बराबरी और अलग अलग किस्म के लोगों को साथ लेकर चलने वाली आधुनिक नेता माना जाता है।

चुनाव जीतने वाली आधी से अधिक महिलाएं 

एक खास बात और है कि चुनाव जीतने वाले विजयी सांसदों में आधी से ज्यादा महिलाएं हैं। इसके अलावा मूल माओरी समुदाय के 16 सांसद चुनकर आए हैं। नई संसद के लिए पहली बार अफ्रीकी मूल के एक नेता इब्राहीम ओमार और श्रीलंकाई मूल की वानुषी वॉल्टर्स ने जीत हासिल की है। संसद में हर वर्ग के लोगों को शामिल किए जाने के मुद्दे पर मासे यूनिवर्सिटी में ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज विभाग में प्रोफेसर पॉल स्पूनली का कहना है कि यह हमारी आज तक की सबसे विविधता वाली संसद होगी। लैंगिक विविधता के मामले में, सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के मामले में और मूल निवासियों के प्रतिनिधित्व के मामले में भी।

एलजीबीटीक्यू समूह से आने वाले सबसे ज्यादा सदस्य 

विश्व स्तर पर देखा जाए तो भी इस संसद में रेनबो समुदाय (एलजीबीटीक्यू समूह) से आने वाले सबसे ज्यादा सदस्य होंगे। न्यूजीलैंड की 120 सीटों वाली संसद के करीब 10 फीसदी सदस्य घोषित रूप से लेस्बियन, गे, बाइसेक्शुअल या ट्रांसजेंडर हैं। देश के वित्त मंत्री ग्रांट रॉबर्टसन भी घोषित तौर पर समलैंगिक हैं। हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में ग्रीन पार्टी के 10 सदस्य संसद में पहुंचे हैं।

इनमें से भी अधिकतर महिलाएं, स्थानीय समुदाय के नेता या फिर एलजीबीटीक्यू समूह के लोग हैं। प्रोफेसर स्पूनली बताते हैं कि नई संसद में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा युवा नेता हैं, जिनमें कई मिलेनियल भी हैं। मिलेनियल मोटे तौर पर उस पीढ़ी के लोगों को कहते हैं जो सन 1980 की शुरुआत से लेकर सन 2000 के बीच पैदा हुए हैं। प्रोफेसर स्पूनली बताते हैं कि इस बार देश ने संसद से ऐसे कई बुजुर्ग और श्वेत सांसदों की विदाई देखी है जो 30 सालों से लंबे समय से संसद में बने हुए थे।  


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