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इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मालवाहक जहाज में विस्फोट के लिए ईरान को ठहराया जिम्मेदार

पिछले हफ्ते ओमान की खाड़ी में एक इजरायली स्वामित्व वाले जहाज में विस्फोट के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को दोषी ठहराया। तेहरान ने इऩ आरोपों को खारिज कर दिया है। नेतन्याहू ने कहा- यह वास्तव में ईरान द्वारा एक ऑपरेशन था। यह स्पष्ट है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 02:51 PM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 02:51 PM (IST)
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मालवाहक जहाज में विस्फोट के लिए ईरान को ठहराया जिम्मेदार
प्रधानमंत्री नेतन्याहू का ईरान पर गंभीर आरोप। (फोटो: एएफपी)

यरुशलम, एजेंसियां। इजरायल के सिंगापुर जा रहे एक मालवाहक जहाज में विस्फोट की घटना से ईरान के साथ उसके संबंधों में तनाव और बढ़ गया है। इस घटना के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि इस करतूत को ईरान ने अंजाम दिया है। ईरान इजरायल का दुश्मन है। हम उसको इस क्षेत्र में मात दे रहे हैं। हमले के बाद ईरान के क्षेत्रों में इजरायल ने मिसाइल से हमले भी किए।

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ज्ञात हो कि पिछले सप्ताह इजरायल के एक मालवाहक जहाज एमवी हीलियस रे में विस्फोट हुआ था, जब यह ओमान की खाड़ी से गुजर रहा था। इस घटना में जहाज के चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित रहे। बाद में इस मालवाहक जहाज की दुबई में मरम्मत की गई। अब इस घटना के कारण पश्चिम एशिया के जल मार्ग में सुरक्षा का बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि विस्फोट कैसे हुआ।

विस्फोट के बाद ईरान के रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख पहले ही इस घटना में ईरान का हाथ बता चुके हैं। इधर सीरिया के मीडिया के अनुसार इजरायल ने दमिश्क के निकट मिसाइलों से हमला किया है। इजरायली मीडिया ने कहा कि ये हवाई हमले युद्धपोत पर हमले के कारण ईरान को निशाना बनाकर किए गए थे। संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के साथ सामान्य होते संबंधों के बीच ईरान के साथ बढ़ता तनाव इजरायल के लिए चेतावनी के तौर पर माना जा रहा है। यह भी सवाल उठ रहा है कि इजरायल मालवाहक जहाज पर हुए हमले का किस तरह बदला लेगा। जहाज पर हमले में ईरान ने कोई टिप्पणी नहीं की है।

ईरान ने दक्षिण-पूर्व इलाके में बंद किया इंटरनेट

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बढ़ते संघर्ष के चलते ईरान ने दक्षिण-पूर्व इलाके में इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी है। मानवाधिकारों समूहों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि सरकार ने अशांत चल रहे 'सिस्तान और बलूचिस्तान' प्रांत में मोबाइल डेटा नेटवर्क को बंद कर दिया है।


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