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नेपाल में फ‍िर टली कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक, ओली और प्रचंड के बीच समझौते की कोशिशें तेज

नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of Nepal NCP) ने एक बार फिर अपनी शक्तिशाली स्थायी समिति की महत्वपूर्ण बैठक को स्थगित कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 02:53 AM (IST)
नेपाल में फ‍िर टली कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक, ओली और प्रचंड के बीच समझौते की कोशिशें तेज
नेपाल में फ‍िर टली कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक, ओली और प्रचंड के बीच समझौते की कोशिशें तेज

काठमांडू, पीटीआइ। नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) ने रविवार को एक बार फिर अपनी शक्तिशाली स्थायी समिति की महत्वपूर्ण बैठक को स्थगित कर दिया। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (K P Sharma Oli) और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' (Pushpa Kamal Dahal Prachanda) के बीच एक शक्ति साझाकरण समझौते पर बातचीत करने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

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सातवीं बार टली बैठक

सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of Nepal) के सेंट्रल ऑफ‍िस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, स्‍टैंडिंग कमेटी (Standing Committee) की बैठक जो रविवार को अपराह्न तीन बजे निर्धारित थी उसे मंगलवार को 11 बजे तक के लिए टाल दिया गया है। यह सातवीं बार है कि जब सत्‍ताधारी पार्टी की स्‍टैंडिंग कमेटी की बैठक को टाला गया है। स्‍टैंडिंग कमेटी के सदस्‍य गनेश शाह ने बताया कि इन दो दिनों में पार्टी के शीर्ष नेता मतभेदों को दूर करने की कोश‍िश करेंगे।

कल मैराथन बैठक में नहीं हुआ फैसला

बता दें कि केंद्रीय सचिवालय एनसीपी का फैसले लेने वाला सर्वोच्च निकाय है। कल शनिवार को नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की नौ सदस्यीय केंद्रीय सचिवालय की बैठक हुई थी लेकिन चार घंटे तक चले मैराथन मंथन में भी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी थी। बताया जाता है कि वरिष्ठ नेताओं ने आपसी सहमति से मामलों को सुलझाने पर सहमति जताई है।

मतभेदों को सुलझाने की कवायद 

कमेटी के सदस्य गणेश शाह के अनुसार ऐसा पार्टी में पैदा मतभेदों को सुलझाने के लिए किया गया है। 45 सदस्यीय कमेटी की पहली बैठक 24 जून को हुई थी। यह बैठक प्रधानमंत्री ओली के उस विवादित बयान के बाद हुई थी जिसमें उन्होंने भारत पर परोक्ष हमला करते हुए कहा था कि पार्टी के कुछ नेता दक्षिण के पड़ोसी देश के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से हटाने की कोशिश में लगे हैं।  

मनमाने तरीके से शासन चलाने की निंदा 

प्रधानमंत्री ओली के बयान पर प्रचंड के नेतृत्व वाले पार्टी के धड़े ने कड़ा विरोध जताया और कहा, ओली से वे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, भारत नहीं... उन्होंने प्रधानमंत्री ओली से मांग की कि वह अपने आरोप को साबित करने वाले सुबूत पेश करें, अन्यथा पद छोड़ें। शीर्ष कम्युनिस्ट नेता प्रचंड ने कहा, ओली का भारत के खिलाफ दिया गया बयान न तो राजनीतिक रूप से सही है और न ही कूटनीतिक रूप से। प्रचंड ने ओली के मनमाने तरीके से शासन चलाने के तरीके की भी निंदा की है।

ओली इस्तीफा नहीं देने पर अड़े

अब मंगलवार को होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री ओली के भविष्य पर फैसला हो सकता है। ज्ञात हो कि 45 सदस्यीय स्थायी समिति की बैठक पहले रविवार तक इसलिए स्थगित की गई थी ताकि पार्टी में चल रहे संघर्ष को खत्म करने के लिए ओली और एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड को वार्ता के लिए और समय मिल सके। पिछली बैठक में ओली ने प्रचंड गुट की मांग के मुताबिक इस्तीफा देने या एनसीपी का अध्यक्ष पद छोड़ने से इन्कार कर दिया था।

भगवान राम पर बयान का बांग्लादेश में विरोध

ढाका, एएनआइ। अयोध्या और भगवान राम के बारे में नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के हालिया बयान पर बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। हिंदू धर्म सुरक्षा परिषद और बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रांड अलायंस के कार्यकर्ताओं ने ओली के बयान के विरोध में शनिवार को जटिया प्रेस क्लब के बाहर मानव श्रृंखला बनाई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अदृश्य ताकतें नेपाल को भगवान राम के खिलाफ भ्रामक बयान देने के लिए उकसा रही हैं। 


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