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Nepal Political Crisis : विभाजन के कगार पर सत्तारूढ़ पार्टी, विद्रोही नेताओं ने बुलाया राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन

सीपीएन-यूएमएल के विद्रोही गुट ने माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनल के नेतृत्व में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया द हिमालय टाइम्स के अनुसार बुधवार से शुरू हो रहे सम्मेलन में पार्टी की सभी इकाइयों के दो हजार नेता और कार्यकर्ताओं के भाग लेने की उम्मीद है।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 07:27 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 07:27 PM (IST)
Nepal Political Crisis : विभाजन के कगार पर सत्तारूढ़ पार्टी, विद्रोही नेताओं ने बुलाया राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन
पीएम ओली बोले, शामिल होने के खिलाफ की जाएगी अनुशासनात्मक कार्रवाई

काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल में राजनीतिक बवंडर थमता नहीं दिख रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पार्टी के विद्रोही गुट द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी है। इसके बाद सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (सीपीएन-यूएमएल) में विभाजन तय माना जा रहा है। बता दें कि सीपीएन-यूएमएल के विद्रोही गुट ने माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनल के नेतृत्व में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया है। द हिमालय टाइम्स के अनुसार बुधवार से शुरू हो रहे सम्मेलन में पार्टी की सभी इकाइयों के दो हजार नेता और कार्यकर्ताओं के भाग लेने की उम्मीद है।

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ओली के नेतृत्व वाले गुट ने इस कार्यक्रम में भाग लेने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी है। हालांकि विद्रोही गुट अपनी योजना के अनुसार कार्यक्रम करने पर अड़ा है। नेपाल और खनल पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ओली ने कहा, 'मैंने सुना है कि वे बुधवार को राष्ट्रीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन करने जा रहे हैं। इस दौरान वे एक प्रस्ताव भी पारित करेंगे। मैं अब और अधिक पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं।'

माई रिपब्लिका की एक रिपोर्ट के अनुसार सीपीएन-यूएमएल के महासचिव ईश्वर पोखरेल ने एक बयान में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को विद्रोही गुट की बैठक में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया है। उन्होंने अनधिकृत बैठक में भाग लेने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी है। उधर, विद्रोही गुट ने ओली से 12 मार्च के उस फैसले को वापस लेने को कहा है, जिसमें उन दोनों से जुड़े करीबियों को पार्टी के प्रमुख पदों से हटा दिया गया था।


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