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नेपाल में PM ओली की सत्ता पर खतरा, सोमवार को हो सकती है बैठक में इस्तीफे पर चर्चा, भारत को लेकर की थी टिप्पणी

नेपाल में सत्तारूढ़ सरकार पर संकट गहराता जा रहा है। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी पर खतरा फिलहाल बरकरार है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 11:56 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 12:19 PM (IST)
नेपाल में PM ओली की सत्ता पर खतरा, सोमवार को हो सकती है बैठक में इस्तीफे पर चर्चा, भारत को लेकर की थी टिप्पणी
नेपाल में PM ओली की सत्ता पर खतरा, सोमवार को हो सकती है बैठक में इस्तीफे पर चर्चा, भारत को लेकर की थी टिप्पणी

काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल में सत्तारूढ़ सरकार पर संकट गहराता जा रहा है। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी पर खतरा फिलहाल बरकरार है। एक आधिकारिक घोषणा के अनुसार नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की महत्वपूर्ण स्थायी समिति की बैठक को अब सोमवार तक स्थगित कर दिया गया है। इस बैठक में ही प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के भविष्य को लेकर बड़ा फैसला लिया जाएगा। स्थायी समिति की इस अहम बैठक में पीएम ओली के इस्तीफे को लेकर चर्चा होगी। 

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प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्या थापा ने आज जानकारी दी कि नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की महत्वपूर्ण बैठक को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है क्योंकि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के शीर्ष नेताओं को बकाया मुद्दों पर समझ बनाने के लिए अधिक समय की आवश्यकता है। इससे पहले पार्टी की सबसे शक्तिशाली संस्था, एनसीपी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की अहम बैठक शनिवार को होने वाली थी। एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि उनकी हालिया भारत विरोधी टिप्पणी न तो राजनीतिक रूप से सही है और न ही राजनयिक रूप से उचित है।

एनसीपी के कार्यकारी प्रमुख पुष्प कुमार दहल प्रचंड ने कहा था कि प्रधानमंत्री के पी ओली की भारत को लेकर यह टिप्पणी उचित नहीं थी कि भारत उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश रच रहा था। इससे पहले पीएम ओली ने अपनी टिप्पणी में यह दावा किया था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए दूतावासों और होटलों में कई तरह की गतिविधियां हो रही हैं। उन्होंने दावा किया था कि इस साजिश में नेपाल के कुछ नेता भी शामिल हैं। 

नेपाली प्रधानमंत्री की ओर से किए गए इस झूठे दावे के बाद से ही ओली की नेपाल में लगातार आलोचना हो रही है। दरअसल, ओली तभी से आलोचना के घेरे में हैं जबसे उनके नेतृत्व वाली सरकार ने लिपुलेख और कालापानी जैसे भारतीय क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताने वाले नए नक्शे से संबंधित बिल पारित किया है।

एनसीपी में दरार

इस पूरे प्रकरण के बाद एनसीपी में दरार साफ तौर पर सतह पर आ गई है। एक गुट का नेतृत्व ओली कर रहे हैं और दूसरे का प्रचंड। स्थायी समिति के एक सदस्य गणोश शाह ने कहा कि शनिवार को होने वाली बैठक में दोनों पक्ष कुछ न कुछ ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश करेंगे, जिसका पार्टी और सरकार, दोनों को पालन करना होगा। शाह ने कहा कि ओली एकतरफा तरीके से सरकार चला रहे हैं और वह प्रचंड को भी काम नहीं करने दे रहे हैं।


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