Nepal News: नेपाल में फर्टिलाइजर की कमी से मचा हड़कंप, किसानों ने खाद से लदे ट्रकों को लूटा
नेपाल में वार्षिक खेती के मौसम की शुरुआत के साथ उर्वरक की कमी किसानों को भारी पड़ रही है। सरकार द्वारा नामित उर्वरक वितरण एजेंसियां हमेशा कम चल रही हैं और कीमतों में वृद्धि और खाद्य कमी की चेतावनी जारी कर रही हैं।
धादिंग, एएनआइ। सैकड़ों किसानों ने काठमांडू के रास्ते में दो ट्रकों से खाद लूट ली, जिन्हें नेपाल के धाडिंग जिले के धारके में सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) द्वारा ले जाया जा रहा था । नेपाल के राजस्व जांच विभाग के अनुसार, लूटे गए ट्रक उर्वरक ले जा रहे थे जिन्हें बिना सीमा शुल्क के अवैध रूप से खरीद कर जब्त किया गया था। राजस्व जांच विभाग के प्रवक्ता दिवस आचार्य के अनुसार, "किसानों ने सशस्त्र पुलिस बल के संरक्षण में काठमांडू लाए जा रहे दो ट्रकों को लूट लिया । हम इसकी जांच कर रहे हैं।"
करीब 400 से 500 किसानों ने सशस्त्र पुलिस के संरक्षण में काठमांडू लाए जा रहे खाद से लदे ट्रकों को हाईवे पर बाधित कर खाद लूट ली। घटना स्थल पर एक संक्षिप्त झड़प भी होने की सूचना है।
स्थानीय पुलिस कर्मियों को मौके पर भेजा गया जो बचे उर्वरकों को नियंत्रित करने में सफल रहे।आचार्य ने कहा, "हमने उन ट्रकों को जब्त कर लिया था क्योंकि उन्होंने संपत्ति को अन्य सामान के रूप में झूठा घोषित किया था।
एक ट्रक ने खुलासा किया था कि वाहन में गेहूं था और दूसरे ने कहा कि यह सीमेंट ले जा रहा था। "अधिकारी ने कहा, "वाहनों की जांच के दौरान पाया गया कि खाद लाया जा रहा है। इसके बाद वाहनों को नियंत्रण में लेकर एपीएफ की हिरासत में रखा गया।"
नेपाल में वार्षिक खेती के मौसम की शुरुआत के साथ, उर्वरक की कमी किसानों को भारी पड़ रही है। सरकार द्वारा नामित उर्वरक वितरण एजेंसियां हमेशा कम चल रही हैं और कीमतों में वृद्धि और खाद्य कमी की चेतावनी जारी कर रही हैं। लगभग दो-तिहाई नेपाली किसान अभी भी मानसून की बारिश पर निर्भर हैं, लेकिन जिन उर्वरकों पर वे सबसे अधिक भरोसा करते हैं, वे हमेशा कम पड़ रहे हैं।
सरकार के अनुमान के अनुसार, लगभग सभी सात प्रांतों में इस धान के मौसम के लिए स्टॉक में डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और यूरिया की भारी कमी है।
धान- नेपाल में मुख्य नकदी फसल और सबसे अधिक खपत होने वाली खाद्य सामग्री भी है। बता दें जून के मध्य में नेपाल के दक्षिणी मैदानों में प्रत्यारोपित की जाती है, जिसे आमतौर पर तराई के रूप में जाना जाता है, जो हिमालयी राष्ट्र की रोटी है। दूसरी ओर पहाड़ी क्षेत्र अप्रैल के मध्य से पौधे रोपते हैं।