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नेपाल के 'सागरमाथा संवाद' फोरम में टकरा सकते हैं PM मोदी और इमरान, काडमांडू ने भेजा न्‍यौता

अगर दोनों नेता इस कार्यक्रम में पहुंचे तो यह संभावना बन रही है कि इनकी मुलाकात हो सकती है। हालांकि अब यह इस निर्भर करता है कि दोनों नेता इस कार्यक्रम में पहुंचे।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 01:10 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 09:13 PM (IST)
नेपाल के 'सागरमाथा संवाद' फोरम में टकरा सकते हैं PM  मोदी और इमरान, काडमांडू ने भेजा न्‍यौता
नेपाल के 'सागरमाथा संवाद' फोरम में टकरा सकते हैं PM मोदी और इमरान, काडमांडू ने भेजा न्‍यौता

काठमांडू, एजेंसी । नेपाल के एक फोरम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्‍तान में उनके समकक्ष इमरान खान एक बार फ‍िर आमने-सामने हो सकते हैं। दरसअल, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने यहां आयोज‍ित होने वाले पहले 'सागरमाथा संवाद' मंच में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है। इस कार्यक्रम में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री को भी न्‍यौता दिया गया है। अगर दोनों नेता इस कार्यक्रम में पहुंचे तो यह संभावना बन रही है कि इनकी मुलाकात हो सकती है। हालांकि, अब यह इस निर्भर करता है कि दोनों नेता इस कार्यक्रम में पहुंचे।

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बता दें कि नेपाल में अप्रैल माह में शुरू हो रहे सागरमाथा संवाद वैश्विक एवं क्षेत्रीय महत्‍व के ज्‍वलंत मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए आयोजित किया जाएगा। ग्यावली ने कहा कि हमने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है और पुष्टि की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 'सागरमाथा सांबद' का पहला संस्करण 'जलवायु परिवर्तन- पहाड़ों और मानवता के भविष्य" विषय पर 2 से 4 अप्रैल तक आयोजित होगा।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सहित सभी सार्क देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। नेपाली विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल को सभी क्षेत्रीय नेताओं की मेजबानी करने में खुशी होगी, ताकि क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर वे आपस में विचार-विमर्श कर सकें। सांबद (संवाद) का नाम दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत सागरमाथा (माउंट एवरेस्ट) पर रखा गया है, जो दोस्ती का प्रतीक भी है।

ग्यावली ने कहा कि सांबाद के पहले संस्करण के मुख्य उद्देश्य आसन्न जलवायु संकट पर देशों के बीच आम सहमति बनाने और राजनीतिक नेताओं को अपनी राजनीतिक इच्छा शक्ति को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह जलवायु परिवर्तन और पर्वत पारिस्थितिकी के बीच मौजूद प्रत्यक्ष संबंध के बारे में प्रतिभागियों और दुनिया के बीच जागरूकता पैदा करने की उम्मीद करता है। 

उधर, नेपाली विदेश मंत्री ने कहा है कि वह पाकिस्‍तान को सार्क संगठन को मेजबानी सौंपने को तैयार है। लेकिन साथ में यह भी कहा कि भारत और पाकिस्‍तान को अपने मतभेदों को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए। विदेश मंत्री ने भारत को यह भी आश्वासन दिया कि नेपाल अपनी धरती को अपने किसी पड़ोसी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करने देगा।


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