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नेपाल पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ा, लोगों की आजीविका पर गंभीर असर: शेर बहादुर देउबा

नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने बताया है कि कम कार्बन उत्सर्जन के बावजूद नेपाल जलवायु परिवर्तन के बड़े प्रभाव को सहन कर रहा है। देउबा ने जलवायु संकट के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक अभियान शुरू किया।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Sat, 08 Jan 2022 01:58 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jan 2022 05:11 PM (IST)
नेपाल पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ा, लोगों की आजीविका पर गंभीर असर: शेर बहादुर देउबा
पिछले साल यूके में ग्लासगो में आयोजित COP26 जलवायु शिखर सम्मेलन में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा। (फोटो- एएनआइ)

 काठमांडू, एएनआइ। दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव देखने को मिल रहा है, इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने बताया है कि कम कार्बन उत्सर्जन के बावजूद नेपाल जलवायु परिवर्तन के बड़े प्रभाव को सहन कर रहा है। देउबा ने यह बयान अन्नपूर्णा मीडिया नेटवर्क द्वारा चलाए जा रहे एकता फॉर सस्टेनेबिलिटी के लिए जलवायु संकट के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक अभियान शुरू करते हुए दिया।

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नेपाल के लोगों की आजीविका पर पड़ रहा गंभीर असर

इस दौरान प्रधानमंत्री देउबा ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण नेपाल के लोगों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ रहा है। हालांकि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में नेपाल का योगदान न्यूनतम है, लेकिन पहले की तुलना में तापमान में वृद्धि के साथ जलवायु परिवर्तन का बोझ बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि हमारे ग्लेशियर कम हो रहे हैं, हिमपात कम हो रहा है और हिमालयी क्षेत्र में बर्फ पिघल रही है।

सबको एक साथ आने का आह्वान

उन्होंने कहा कि हितधारकों को एक साथ खड़े होने और काम करने की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 'एकता के लिए स्थिरता संवाद' समाज के सभी वर्गों को सरकार की जलवायु परिवर्तन की रोकथाम विधियों में अपनी ओर से योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री देउबा ने कहा कि नेपाल सरकार जलवायु परिवर्तन को लक्षित करने वाली लघु और दीर्घकालिक योजनाओं का मसौदा तैयार करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने पिछले साल यूके में ग्लासगो में आयोजित COP26 जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान भी यही मुद्दा उठाया था।

दशक के अंत तक नेपाल में बढ़ेंगे जंगल

देउबा ने यह भी दावा किया कि सरकार 2045 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनने के लिए प्रतिबद्ध है और दृढ़ता से काम कर रही है और दशक के अंत तक नेपाल में जंगल का फीसद बढ़ाकर 45 फीसद कर देगी।


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