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भारत के साथ विवाद में नेपाल ने कोरोना वायरस तक को घसीटा, जानें क्‍या है पूरा मामला

संसद को संबोधित करते हुए नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा कि भारत से आ रहा कोरोना वायरस चीन और इटली से भी ज्यादा खतरनाक है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 10:47 PM (IST)Updated: Thu, 21 May 2020 12:09 AM (IST)
भारत के साथ विवाद में नेपाल ने कोरोना वायरस तक को घसीटा, जानें क्‍या है पूरा मामला
भारत के साथ विवाद में नेपाल ने कोरोना वायरस तक को घसीटा, जानें क्‍या है पूरा मामला

काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत के साथ बैर में कोरोना वायरस को भी घसीट लिया है। चीन से निकले कोरोना वायरस के लिए उन्होंने भारत को ही जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है। सीमावर्ती भारतीय क्षेत्रों को भी उन्होंने अपना बताया है और राजनयिक रास्तों के जरिए उसे वापस लेने की बात भी कही है।

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महामारी के बाद ओली ने पहली बार किया संसद को संबोधित  

कोरोना महामारी के सामने आने के बाद ओली पहली बार मंगलवार को संसद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'भारत से आ रहा कोरोना वायरस चीन और इटली से भी ज्यादा खतरनाक है।' काठमांडू पोस्ट के मुताबिक ओली ने कहा, 'भारत से अवैध तरीके से आने वाले लोग नेपाल में कोरोना वायरस फैला रहे हैं। इन लोगों को लाने के लिए देश के कुछ स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार हैं।'

ओली सरकार ने एक नए नक्शे को भी मंजूरी दी 

उन्होंने भारत से नेपाल में लोगों के प्रवेश को रोक पाने में भी लाचारी जताई। नेपाल में अब तक करीब साढ़े चार हजार संक्रमित मामले सामने आए हैं और दो लोगों की मौत हुई है। ओली ने कहा कि लिपुलेक, कालापानी और लिम्पियाधूरा नेपाल का क्षेत्र है और वह कूटनीतिक और राजनीतिक रास्तों से इसे वापस लेंगे। ओली सरकार ने एक नए नक्शे को भी मंजूरी दी है, जिसमें भारत के इन तीनों क्षेत्रों को नेपाल के क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र नेपाल के हैं, लेकिन भारत ने वहां सैनिकों को तैनात कर उसे विवादित बना दिया है। भारतीय सेना के जवान वहां नेपाली लोगों को जाने भी नहीं देते। 

सेना प्रमुख के बयान पर भी नेपाल को आपत्ति

ओली ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि दोनों देश के बीच सीमा के मुद्दे पर भारतीय सेना प्रमुख ने क्यों बयान दिया है। ओली ने कहा कि इस मसले पर नेपाली सेना को बोलने की जरूरत नहीं है। इसी तरह दूसरे देश की सेना का बोलना भी उचित नहीं है।

नरवाने ने क्या कहा था?

दरअसल, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में ये तीनों क्षेत्र पड़ते हैं। नेपाल इन्हें अपने धारचूला जिले का हिस्सा बताता है। लिपुलेक पास कालापानी के पश्चिम में स्थित है। भारत ने पिछले हफ्ते पिथैरागढ़ जिले में एक सड़क का निर्माण कराया था। इस सड़क को लेकर भी नेपाल ने आपत्ति जताई थी। भारत ने तब भी कहा था कि सड़क पूरी तरह से भारतीय क्षेत्र में है।

भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने कहा था कि लिपुलेक पास और उत्तराखंड के धारचूला जिले के बीच बनी सड़क का विरोध नेपाल किसी के इशारे पर कर रहा है। उनका इशारा चीन की तरफ था, हालांकि, उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि इस क्षेत्र में भारत और नेपाल के बीच किसी तरह का विवाद ही नहीं है।


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