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अफगानिस्तान : तालिबान के कब्जे के बाद करीब पांच लाख लोगों की गई नौकरी, बेरोजगारी को लेकर श्रम संगठन ने दी चेतावनी

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को जारी एक आकलन रिपोर्ट में ILO ने देश में बढ़ती बेरोजगारी की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बेरोजगारी का मौजूदा चलन जारी रहा तो 2022 के मध्य तक लगभग 900000 लोग अपनी नौकरी खो देंगे।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 03:28 PM (IST)
अफगानिस्तान : तालिबान के कब्जे के बाद करीब पांच लाख लोगों की गई नौकरी, बेरोजगारी को लेकर श्रम संगठन ने दी चेतावनी
2022 के मध्य तक नौ लाख नौकरियां जाने की चेतावनी (एएनआइ)

काबुल, एएनआइ। पिछले साल अगस्त में तालिबान के कब्जे के बाद से अब तक अफगानिस्तान के करीब पांच लाख लोग अपनी नौकरी खो चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर बेरोजगारी का मौजूदा चलन इसी तरह चलता रहा तो 2022 के मध्य तक नौ लाख लोग अपनी नौकरी खो देंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नौकरी खोने का नुकसान सबसे ज्यादा महिलाओं को उठाना पड़ा है।

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संगठन ने कहा है कि कार्यस्थल में महिलाओं की भागीदारी पर प्रतिबंध, आने वाले आर्थिक संकट और प्रशासन में बदलाव के कारण बेरोजगारी काफी बढ़ी है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को जारी एक आकलन रिपोर्ट में ILO ने देश में बढ़ती बेरोजगारी की चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बेरोजगारी का मौजूदा चलन जारी रहा तो 2022 के मध्य तक लगभग 900,000 लोग अपनी नौकरी खो देंगे। ILO की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 की तीसरी तिमाही में महिलाओं के रोजगार में 16 फीसदी की कमी आई है और 2022 के मध्य तक यह 28 फीसद तक पहुंच सकती है।

संगठन ने कहा कि अफगानिस्तान में राजनीतिक परिवर्तन ने कृषि, सिविल सेवा और निर्माण उद्योग सहित प्रमुख क्षेत्रों को तबाह कर दिया है, जिससे बड़े पैमाने पर नौकरियों का नुकसान हुआ है। अफगानिस्तान के लिए आइएलओ के वरिष्ठ समन्वयक रामिन बेहजाद ने कहा, अफगानिस्तान में स्थिति गंभीर है और स्थिरीकरण और रिकवरी के लिए तत्काल समर्थन की आवश्यकता है। इसके साथ तत्काल मानवीय जरूरतों को पूरा करना प्राथमिकता है। इस बीच, अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि अगर फ्रीज की गई अफगान संपत्तियों को रिलीज नहीं किया गया तो देश एक गहरे संकट में डूब जाएगा। एक अर्थशास्त्री अब्दुल नसीर रिश्तिया ने कहा, दो करोड़ 20 लाख से अधिक लोग भुखमरी से जूझ रहे हैं। अगर पैसा रिलीज नहीं किया गया, तो यह स्थिति को और खराब कर देगा।'


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