NATO Alliance: फिनलैंड की प्रधानमंत्री का बयान, NATO की सदस्यता के बदले नहीं चाहते देश में परमाणु हथियारों की तैनाती
फिनलैंड की प्रधानमंत्री ने NATO की सदस्यता के बदले परमाणु हथियारों की तैनाती पर असहमति जताई। सना मारिन ने बताया कि भले ही फिनलैंड NATO का सदस्य बन जाए लेकिन हमारा देश नहीं चाहता है कि नाटो में परमाणु हथियारों की तैनाती करे या कोई सैन्य ठिकाने स्थापित करे।
हेलसिंकी, रायटर। फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन ने देश में नाटो (NATO) की सदस्यता के बदले परमाणु हथियारों की तैनाती पर असहमति जताई। गुरुवार को रोम यात्रा के दौरान एक इतालवी अखबार दिए गए एक साक्षात्कार में सना मारिन ने बताया कि भले ही फिनलैंड NATO का सदस्य बन जाए, लेकिन हमारा देश नहीं चाहता है कि नाटो (NATO) उनके क्षेत्र में परमाणु हथियारों की तैनाती करे या कोई सैन्य ठिकाने स्थापित करे।
फिनलैंड की तरह नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन करने वाले पड़ोसी देश स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने कहा है कि उनका देश अपने क्षेत्र में नाटो के स्थायी ठिकाने या परमाणु हथियार नहीं चाहता है। तुर्की, 1952 से नाटो का सदस्य है, उसने फ़िनिश और स्वीडिश सदस्यता के लिए अप्रत्याशित विरोध व्यक्त किया है, नॉर्डिक पड़ोसियों पर उन समूहों से जुड़े व्यक्तियों को शरण देने का आरोप लगाया है जिन्हें वह आतंकवादी मानता है। फिनलैंड के राष्ट्रपति सौली निनिस्टो और स्वीडिश प्रधान मंत्री एंडरसन के गुरुवार को वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मिलने की उम्मीद है।
बता दें फिनलैंड और स्वीडन ने बुधवार को औपचारिक रूप से 30 देशों के सैन्य संगठन नाटो (NATO)गठबंधन में शामिल होने के लिए आवेदन किया हैं। अपने इतालवी समकक्ष मारियो द्रेगी से मिलने के लिए रोम की यात्रा पर आई सना मारिन ने कहा कि उनका मानना है कि बातचीत के जरिए सदस्यता के इस मामले को सुलझाया जा सकता है। फिनलैंड ने नाटो में शामिल होने का फैसला रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से प्रेरित होकर लिया है। फिनलैंड और स्वीडन के नाटो में शामिल होने पर तुर्की ने आपत्ति जताई है।
तुर्की ने नॉर्डिक पड़ोसियों (फिनलैंड और स्वीडन ) पर उन समूहों से जुड़े व्यक्तियों को शरण देने का आरोप लगाया है, जिन्हें वह आतंकवादी मानता है। हालांकि, नाटो महासचिव ने दोनों देशों को शामिल होने की प्रक्रिया को तेज करने का आश्वासन दिया है। सना मारिन ने बातचीत में कहा कि मुझे लगता है कि इस बारे में तुर्की और अन्य सभी सदस्य देशों के साथ चर्चा करनी चाहिए। सवालों के जवाब देना और किसी भी गलतफहमी को दूर करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है। सना मारिन ने यह भी कहा कि नाटो (NATO) द्वारा परमाणु हथियार तैनात करने या फिनलैंड में पश्चिमी सैन्य गठबंधन के साथ सैन्य तैनाती के सवाल हेलसिंकी की सदस्यता वार्ता का हिस्सा नहीं था।