Move to Jagran APP

म्यांमार: शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रही जनता पर सैन्य अटैक की अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र ने निंदा की

म्यांमार में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को बेदखल करने वाले सैन्य तख्तापलट के खिलाफ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। रेडियो फ्री एशिया ने सरकारी टेलीविजन का हवाला देते हुए बताया कि हमले में घायलों पर ध्यान न देते हुए ग्यारह प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया।

By Nitin AroraEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 10:38 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 10:38 AM (IST)
म्यांमार: शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रही जनता पर सैन्य अटैक की अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र ने निंदा की
म्यांमार: शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रही जनता पर सैन्य अटैक की अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र ने निंदा की

नेपीडाव, एएनआइ। म्यांमार में अमेरिकी दूतावास और संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को पूर्व राजधानी यांगून में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर सेना के हमले की निंदा की। रेडियो फ्री एशिया ने बताया कि एक सैन्य ट्रक शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की भीड़ में जा घुसा, जिसमें कम से कम पांच नागरिकों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों अन्य घायल हो गए। बताया गया कि भीड़ में अन्य लोगों पर हमला करने के लिए सैनिक वाहन से बाहर निकल आए थे।

prime article banner

म्यांमार में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को बेदखल करने वाले सैन्य तख्तापलट के खिलाफ लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। रेडियो फ्री एशिया ने सरकारी टेलीविजन का हवाला देते हुए बताया कि हमले में घायलों पर ध्यान न देते हुए , ग्यारह प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है।

दूतावास ने कहा, 'हम बर्मा के लोगों के शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का समर्थन करते हैं।' कहा कि म्यांमार सेना द्वारा क्रूर हिंसा का व्यापक उपयोग बर्मा के समावेशी लोकतंत्र के मार्ग को बहाल करने की तात्कालिकता को रेखांकित करता है।

दूतावास ने कहा, 'हम बर्मा के लोगों की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की आकांक्षाओं के साथ खड़े हैं और सैन्य शासन से हिंसा के इस्तेमाल को समाप्त करने, अन्यायपूर्ण तरीके से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने और लोगों की इच्छा का सम्मान करने का आह्वान करते हैं।'

रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने भी म्यांमार के सैन्य शासकों से हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

बता दें कि फरवरी में सेना द्वारा लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद से लगभग 1,300 नागरिक मारे गए हैं, जबकि 7,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।

असिस्टेंस एसोसिएशन फार पालिटिकल प्रिजनर्स ने कहा कि भोजन की कमी और कोरोना वायरस महामारी के बीच 54 मिलियन लोगों के देश में सैकड़ों हजारों लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.