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जी-7 सम्मेलन में भी म्यांमार में लोकतंत्र बचाने की गूंज, अंतरराष्ट्रीय मीडिया सेंटर के निकट प्रदर्शन

ब्रिटेन के कार्नवाल में चल रहे जी-7 सम्मेलन स्थल पर म्यांमार में लोकतंत्र को बचाने का मुद्दा भी उठा। यहां म्यांमार के नागरिकों ने प्रदर्शन करते हुए पूरे विश्व का ध्यान खींचा। इन प्रदर्शकारियों ने सैन्य शासन जुंटा पर कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 04:27 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 04:33 PM (IST)
जी-7 सम्मेलन में भी म्यांमार में लोकतंत्र बचाने की गूंज, अंतरराष्ट्रीय मीडिया सेंटर के निकट प्रदर्शन
ब्रिटेन के कार्नवाल में चल रहे जी-7 सम्मेलन स्थल पर म्यांमार में लोकतंत्र को बचाने का मुद्दा भी उठा।

टोक्यो, एएनआइ। ब्रिटेन के कार्नवाल में चल रहे जी-7 सम्मेलन स्थल पर म्यांमार में लोकतंत्र को बचाने का मुद्दा भी उठा। यहां म्यांमार के नागरिकों ने प्रदर्शन करते हुए पूरे विश्व का ध्यान खींचा। इन प्रदर्शकारियों ने सैन्य शासन जुंटा पर कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की। प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय मीडिया सेंटर के पास किया गया। प्रदर्शनकारी हाथों में तख्ती लिए हुए थे और उनकी मांग थी कि जी-7 के नेता म्यांमार में लोकतंत्र बहाली के लिए काम करें।

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21 वर्षीय एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे चाहते हैं कि इन बड़े देशों के नेता सिर्फ म्यांमार की चर्चा न करें, वह सैन्य शासक जुंटा पर कार्रवाई भी करें। इन प्रदर्शनकारियों का कहना था कि लोकतंत्र की परवाह न करने और सैन्य शासन के स्थाई रूप से सत्ता पर काबिज होने का खामियाजा आखिरकार जनता को ही भुगताना पड़ेगा।

वहीं दूसरी ओर म्यांमार के सैन्य शासन जुंटा ने आरोप लगाया है कि पीपुल्स डिफेंस फोर्स प्रदर्शनकारियों को कार्रवाई से बचाने के लिए आतंकवादी तैयार कर रहा है। उन्हें सुरक्षा बलों पर हमले के लिए बाकायदा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एक पत्रकार वार्ता में सैन्य शासन जुंटा के प्रवक्ता जो मिन तुन ने कहा कि प्रशासन ने तीन ऐसे जातीय संगठनों की पहचान की है, जो प्रशिक्षण दे रहे हैं। ऐसे लोगों को उन्होंने आतंकवादी बताया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इन लोगों को विस्फोटक से लेकर सुरक्षा बलों से मोर्चा लेने और सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाने तक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनके खिलाफ सेना भी तैयारी कर रही है।

स्थानीय मीडिया के अनुसार एक फरवरी को सैन्य तख्ता पलट के बाद लोकतंत्र समर्थकों ने यह घोषणा की थी कि वे पीपुल्स डिफेंस फोर्स का गठन कर रहे हैं, जो सैन्य शासन के अत्याचार से नागरिकों को बचाने का कार्य करेंगे। इस फोर्स के प्रशिक्षण स्थल पर पिछले दिनों हवाई हमले भी किए गए थे। सैन्य शासन ने इसी सिलसिले में अब तक 638 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया गया है। 


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