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Blast in Afghanistan: कई सिलसिलेवार धमाकों से फिर दहला अफगानिस्तान, तीन की मौत

Blast in Afghanistan घटना की अधिक जानकारी देते हुए टोलो न्यूज ने ट्वीट किया शुक्रवार सुबह नंगरहार के जलालाबाद शहर में तीन शव मिले और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। स्थानीय अधिकारियों ने इस घटना के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 04:38 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 04:53 PM (IST)
Blast in Afghanistan: कई सिलसिलेवार धमाकों से फिर दहला अफगानिस्तान, तीन की मौत
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सभी मृतकों को अस्पताल ले जाया गया

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आते ही वहां अस्थिरता का माहौल है। अफगान की राजधानी काबुल समेत अन्य प्रांतों में ब्लास्ट की घटनाएं बढ़ गई हैं। अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत के जलालाबाद शहर में सिलसिलेवार कई विस्फोट हुए हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार शुक्रवार सुबह तीन शव मिले हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सभी मृतकों को अस्पताल ले जाया गया।

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घटना की अधिक जानकारी देते हुए टोलो न्यूज ने ट्वीट किया, 'शुक्रवार सुबह नंगरहार के जलालाबाद शहर में तीन शव मिले और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। स्थानीय अधिकारियों ने इस घटना के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।'

वहीं, दूसरी घटना को लेकर इसके पहले टोलो ने बताया था कि बुधवार को पूर्वी प्रांत नंगरहार में जलालाबाद शहर में कई हमले हुए, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी।

अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को लेकर भारत समेत विश्वभर के कई शीर्ष नेताओं ने चिंता जाहिर की है। पिछले दिनों पाकिस्तान में मौजूद संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की हाई कमिश्नर फिलिपो ग्रांडी ने कहा कि अफगानिस्तान में मानवीय स्थितियां बहुत ही खराब हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तत्काल मदद के लिए आगे आना चाहिए।

बेरोजगारी के चलते अफगान के पूर्व पुलिसकर्मी ने की आत्महत्या

तालिबान के सत्ता में आते ही पूरे अफगानिस्तान की आर्थिक व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। अफगानिस्तान में बेरोजगारी अपने चरम पर है। पूर्वी कुनार प्रांत में एक पूर्व अफगान पुलिसकर्मी ने नौकरी से निकाले जाने व आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते आत्महत्या कर ली। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार गुरुवार को 38 वर्षीय पुलिसकर्मी शाकर की आत्महत्या से मौत हो गई।

अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था। पिछली सरकार ने भी उनके तीन महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया था। मृतक की दो पत्नियां और सात बच्चे थे, साथ ही उसकी मां और भाई-बहन भी थे, जो सभी उसके द्वारा आर्थिकआय पर निर्भर थे।

गौरतलब है कि तालिबान के अधिग्रहण के बाद से अफगानिस्तान के विभिन्न प्रांतों में आत्महत्या के करीब दस मामले सामने आ चुके हैं।


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