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अफगानिस्तान में इस साल 6,34,000 से ज्यादा लोग हुए विस्थापित : यूएन एजेंसी

अफगानिस्तान के अधिकारियों और मानवीय एजेंसियों ने देश में विस्थापित परिवारों की जीवन स्थिति पर चिंता व्यक्त की है क्योंकि इससे महिलाओं और बच्चों के जीवन पर असर पड़ा है। उन तक स्वास्थ्य सुविधाएं और स्कूली शिक्षा नहीं पहुंच पा रही है।

By Neel RajputEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 03:47 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 03:47 PM (IST)
अफगानिस्तान में इस साल 6,34,000 से ज्यादा लोग हुए विस्थापित : यूएन एजेंसी
अफगानों की स्थिति को लेकर यूएन ने जताई चिंता

काबुल, आइएएनएस। अफगानिस्तान में इस साल संघर्षों के दौरान छह लाख 34 हजार से ज्यादा अफगान विस्थापित हुए हैं। युद्धग्रस्त देश में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) ने गुरुवार को यह जानकारी दी है।

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सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने ओसीएचए के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा है कि 12 सितंबर, 2021 को 282,246 विस्थापित लोगों को सहायता मिली थी। अफगानिस्तान के अधिकारियों और मानवीय एजेंसियों ने देश में विस्थापित परिवारों की जीवन स्थिति पर चिंता व्यक्त की है क्योंकि इससे महिलाओं और बच्चों के जीवन पर असर पड़ा है। उन तक स्वास्थ्य सुविधाएं और स्कूली शिक्षा नहीं पहुंच पा रही है। ओसीएचए द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक इसके अलावा इस साल 28,000 से अधिक अफगान देश में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित भी हुए हैं।

सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा कि अफगानिस्तान में आर्थिक संकट की काफी ज्यादा संभावना है उन्होंने जिनेवा में अफगानिस्तान की मानवीय स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक में वित्त पोषण सहायता की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डाला। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र ने देशों से अफगानिस्तान के लिए एक अरब 20 करोड़ डालर (1.2 billion dollar) की राहत देने की अपील की।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्रमुख की चेतावनी, जल्द खड़ा हो सकता है मानवीय संकट

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख ने कहा है कि अफगानिस्तान में मानवीय संकट खड़ा हो सकता है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बड़े मानवीय संकट को रोकने के लिए अफगानिस्तान को तत्काल समर्थन देने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो इसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ेगा।

शरणार्थियों के लिए उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने दक्षिण एशियाई देश की तीन दिवसीय यात्रा की थी। इसके बाद एक बयान में उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति निराशाजनक बनी हुई है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अगर सार्वजनिक सेवाएं और अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो जाती है, तो हमें देश के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर और भी अधिक पीड़ा, अस्थिरता और विस्थापन देखना पड़ सकता है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान के साथ जुड़ना चाहिए और एक बहुत बड़े मानवीय संकट को रोकने के लिए वैश्विक प्रयास करना चाहिए।


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