India-Bangladesh Relation: बांग्लादेश में मोदी का जादू, तीस्ता के सुलझे तार, जल बंटवारे पर बनी बात, उपहार में दिया 12 लाख वैक्सीन की डोज
अनुच्छेद 371 और अन्य मसलों पर नाराज चल रहे बांग्लादेश के साथ संबंधों को पटरी पर लाने की मोदी की कवायद काफी हद तक सफल रही। आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की बांग्लादेश यात्रा क्यों रही खास। दोनों देशों के बीच क्या हुए अहम करार।
ढाका, एजेंसियां। बांग्लादेश में भी नमो का जादू रंग लाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा काफी हद तक सफल और सुफल रही। मोदी ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश की अपनी समकक्ष शेख हसीना के साथ फलदायी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की पूर्ण समीक्षा की और भविष्य में आर्थिक व सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत बनाने के रास्तों पर चर्चा की। उन्होंने ट्वीट कर बताया, 'भारत और बांग्लादेश ने आपदा प्रबंधन, खेल एवं युवा मामलों, व्यापार और तकनीक जैसे प्रमुख क्षेत्रों में एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे हमारी विकास साझेदारी को मजबूती मिलेगी और हमारे देशों के लोगों खासकर युवाओं को फायदा होगा।' अनुच्छेद 371 और अन्य मसलों पर नाराज चल रहे बांग्लादेश के साथ संबंधों को पटरी पर लाने की मोदी की कवायद काफी हद तक सफल रही। आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की बांग्लादेश यात्रा क्यों रही खास। दोनों देशों के बीच क्या हुए अहम करार।
छह साझा नदियों के जल बंटवारे पर अंतरिम समझौता
दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों प्रधानमंत्रियों ने अपने-अपने जल संसाधन मंत्रालयों को छह साझा नदियों के जल बंटवारे पर अंतरिम समझौते के ढांचे को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है। इन नदियों में मनु, मुहुरी, खोवई, गुमटी, धारला और दुधकुमार शामिल हैं। इससे पहले शेख हसीना ने पूर्व में सहमति के आधार पर बने प्रस्तावित तीस्ता जल समझौते को जल्द लागू करने की मांग की। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति के कारण सितंबर, 2011 में इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो सके थे।
तीस्ता नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर बात आगे बढ़ी
भारत और बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर बात आगे बढ़ गई है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ बातचीत में मोदी ने सभी संबंधित पक्षों से परामर्श करके समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश करने की बात दोहराई। दोनों प्रधानमंत्रियों ने ढाका और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच एक नई यात्री ट्रेन का उद्घाटन भी किया। साथ ही द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में पांच सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। अपनी बांग्लादेश यात्रा के दूसरे दिन मोदी ने पहले शेख हसीना के साथ एकांत में वार्ता की और उसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई जो एक घंटे से भी अधिक समय तक चली।
भारत ने 12 लाख कोविड वैक्सीन की डोज उपहार में दिया
प्रधानमंत्री मोदी ने शेख हसीना को 109 एंबुलेंस की एक सांकेतिक चाभी भी सौंपी। इसके अलावा उन्होंने भारत की ओर से उपहार स्वरूप बांग्लादेश को 12 लाख कोविड वैक्सीन की डोज के संकेत के तौर पर एक बाक्स सौंपा। वहीं, शेख हसीना ने अपने पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्मशती वर्ष के अवसर पर जारी सोने और चांदी का एक-एक सिक्का मोदी को भेंट किया। बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर जारी चांदी का सिक्का भी उन्होंने मोदी को भेंट किया।
ढाका-न्यू जलपाईगुड़ी के बीच नई यात्री ट्रेन
दोनों नेताओं ने वर्चुअली कई परियोजनाओं का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। इनमें भारत-बांग्लादेश सीमाओं पर तीन नई सीमाई हाट और ढाका-न्यू जलपाईगुड़ी के बीच नई यात्री ट्रेन मिताली एक्सप्रेस शामिल हैं। यह दोनों पड़ोसी देशों के बीच मैत्री एक्सप्रेस (ढाका-कोलकाता) और बंधन एक्सप्रेस (खुलना-कोलकाता) के बाद तीसरी यात्री ट्रेन है। यह बांग्लादेश में चिलहाटी स्टेशन के रास्ते ढाका छावनी और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच चलेगी। ढाका और चिलहाटी के बीच 453 किमी की दूरी है और चिलहाटी एवं न्यू जलपाईगुड़ी के बीच 71 किमी का फासला है। स्थिति सामान्य होने पर यह ट्रेन चलने लगेगी। फिलहाल दोनों देशों ने कोविड-19 महामारी के चलते रेल सेवाएं स्थगित कर रखी हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने राजनयिक रिश्तों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ की याद में भारत-बांग्लादेश मैत्री स्टैंप भी जारी किया। प्रधानमंत्री यात्रा पूरी कर शनिवार को स्वदेश लौट गए।
रोहिंग्याओं की वापसी के लिए हसीना ने किया अनुरोध
शेख हसीना ने प्रधानमंत्री मोदी से वार्ता के दौरान अनुरोध किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य के तौर पर भारत विस्थापित रोहिंग्याओं को जल्द से जल्द म्यांमार वापस भेजने के लिए मजबूत भूमिका निभाए। इस दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने क्षेत्र की व्यापक सुरक्षा के लिए रोहिंग्याओं की सुरक्षित, त्वरित और सतत वापसी की अहमियत को दोहराया।
द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नान-टैरिफ बैरियर को हटाने बल
भारत और बांग्लादेश ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नान-टैरिफ बैरियर को हटाने की जरूरत पर बल दिया। दोनों पड़ोसी देशों ने ऊर्जा और संपर्क के क्षेत्र में व्यापक सहयोग पर सहमति व्यक्त की और व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौते (सीईपीए) का अध्ययन जल्द से जल्द खत्म करने पर रजामंदी जताई। इसके अलावा भारत बांग्लादेश के रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए ट्रांसमिशन लाइनों के विकास में भी शामिल होगा।