बेहतर जिंदगी की तलाश में जान जोखिम में डालकर इंग्लिश चैनल पार कर रहे शरणार्थी
बेहतर जिंदगी की तलाश में संकटग्रस्त देशों से लोगों का यूरोपीय देशों की ओर पलायन जारी है। इसके लिए शरणार्थी इंग्लिश चैनल पार करने में अपनी जान जोखिम में डालने से भी नहीं हिचक रहे।
पेरिस। बेहतर जिंदगी की तलाश में संकटग्रस्त देशों से लोगों का यूरोपीय देशों की ओर पलायन जारी है। इसके लिए शरणार्थी इंग्लिश चैनल पार करने में अपनी जान जोखिम में डालने से भी नहीं हिचक रहे। इस काम में चोरी हुई नौकाओं का भी प्रयोग किया जा रहा है। साल 2015 में शरणार्थी संकट शुरू होने के बाद ब्रिटेन और फ्रांस को अलग करने वाले इंग्लिश चैनल को पार करना आसान नहीं रह गया था। कड़ी सुरक्षा के साथ ही अस्थिर मौसम और तेज धारा के चलते इसे पार करना खतरनाक हो गया था, लेकिन फ्रांस के सबसे बड़ी फिशिंग पोर्ट सिटी बोलेग्ने-सुर-मेर के अधिकारियों ने कहा कि तस्कर और उनके शरणार्थी ग्राहक इंग्लिश चैनल को पारकर ब्रिटेन पहुंचने के लिए नौका की तलाश में रहते हैं।
इस काम के लिए चोरी हुईं कुछ नौकाओं को समुद्र में उतारा जाता है। साल 2018 के अंतिम तीन माह में शरणार्थियों द्वारा इंग्लिश चैनल पार करने के मामलों में इजाफा हुआ है। पिछले साल करीब 500 शरणार्थियों ने चैनल को पार करने का प्रयास किया। यह आंकड़ा साल 2017 की अपेक्षा दस गुना ज्यादा था। इंग्लिश चैनल में सरकार के राहत और बचाव अभियान के प्रमुख मार्क बोनाफोस ने कहा, ‘यह हमारे लिए पूरी तरह नया है। इसे पार करना बेहद खतरनाक है। इसका पानी इतना ठंडा होता है कि इसमें एक घंटे से ज्यादा समय कोई जिंदा नहीं रह सकता।’
तस्कर वसूल रहे मोटी रकम
अधिकारियों ने बताया कि इंग्लिश चैनल पार करने के लिए तस्कर भारी रकम वसूलते हैं। ताजा मामले से पता चला है कि कुछ शरणार्थियों ने तस्करों को एक लाख यूरो (करीब 81 लाख रुपये) का भुगतान किया था।
इंग्लिश चैनल पार करने वालों में सबसे ज्यादा ईरानी
बोलेग्ने-सुर-मेर के अधिकारियों का कहना है कि नौका से इंग्लिश चैनल पार करने वालोंे में ज्यादातर ईरानी होते हैं। गत नवंबर में इस तटीय शहर में 17 ईरानियों को गिरफ्तार किया गया था। जबकि क्रिसमस की रात चोरी की नौका पर सवार 14 शरणार्थियों को पकड़ा गया था।
(द न्यूयॉर्क टाइम्स)