दिल दहला देने वाला है इस ताल का इतिहास, 10 हजार लोगों पर मंडरा रहा डर का साया
फिलीपींस के ताल ज्वालामुखी की वजह से दस हजार लोग बेघर होने पर मजबूर हैं। इस ज्वालामुखी का इतिहास भी बेहद दर्दनाक रहा है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भूकंप के झटकों के बीच करीब ढाई हजार फीट से भी अधिक ऊंचा उठता धुआं, धमाकों के बीच आए भूकंप के झटके, हवा में फैलती चारों तरफ गरम राख और इसकी दहशत से भागते हुए लोग। ये नजारा फिलीपींस के मनीला का है। इन सभी तस्वीरों के पीछे है यहां का बेरहम ताल ज्वालामुखी,जो चार दशक बाद फिर आग उगल रहा है। इतिहास गवाह है कि जब-जब ये ज्वालामुखी फटा है, कई जिंदगियां इसकी भेंट चढ़ी हैं। इसकी वजह से मनीला के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है।
दर्दनाक इतिहास
इसका इतिहास बेहद दर्दनाक रहा है। कहने को तो ये दुनिया के सबसे छोटे ज्वालामुखियों में शामिल किया जाता है लेकिन 1911 में इस ज्वालामुखी का सबसे उग्र रूप देखने को मिला था। उस वक्त 1300 से ज्यादा जिंदगी इसकी भेंट चढ़ गई थीं। 1756 में इसकी दहशत में यहां के लोगों ने छह माह गुजारे थे। रह-रहकर इस ज्वालामुखी से गरम राख निकलती रही थी। इसकी चपेट में काफी बड़ा इलाका आया था।
ताल की दहशत
1965 में भी ज्वालामुखी के फटने से 190 लोगों की मौत हो गई थी। दशकों से ये ज्वालामुखी अपनी इस राख और लावा से यहां के लोगों का जीवन नरक बनाए हुए है। 1966, 1967,1968, 1977 में भी इस ज्वालामुखी में धमाके हो चुके हैं। वर्तमान में भी इसकी वजह से दस हजार लोग दहशत के साए में हैं।
ताल का रौद्र रूप
सोमवार (12 जनवरी) को जब इस ज्वालामुखी ने धमाके के साथ गरम राख उगलनी शुरू की थी, तभी इसके रौद्र रूप का अहसास यहां के लोगों और प्रशासन को हो गया था। इसके धमाके के साथ ही मनीला के आसमान में गरम राख का गुबार छा गया।
भागने पर मजबूर
कुछ ही घंटों में इसने करीब 17 किमी के दायरे में रहने वाले हजारों लोगों को वहां से भागने पर मजबूर कर दिया। अभी इस ज्वालामुखी से राख बाहर आ रही है लेकिन जब यह ज्वालामुखी लावा बाहर फेंकना शुरू करेगा तो इसका सबसे बड़ा असर ताल झील पर पड़ेगा।
चारों तरफ फैली राख
यह इस ज्वालामुखी के चारों तरफ फैली है। इसी झील के नाम पर इसका नामकरण भी हुआ है। लेकिन लावा से ज्यादा यहां के लोगों के लिए गरम राख खतरनाक है। इसकी वजह है इसके लावा का झील पार कर जमीन पर आना काफी मुश्किल है, लेकिन राख आसमान के रास्ते यहां के लोगों पर गिर रही है। आलम ये है कि इस राख ने सूरज की रोशनी को भी रोक लिया है।
सांस लेने में दिक्कत
गरम राख की वजह से यहां के लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। सड़कें, खेत, घरों की छत, पेड़-पौधे सब कुछ इस राख की चपेट में आ गए हैं। इसकी वजह से कई किमी की दूरी में आने वाली खेती बर्बाद हो चुकी है।इतना ही नहीं इस ज्वालामुखी के धमाके इस कदर तेज थे कि इनकी वजह से सुनामी तक की चेतावनी दे दी गई है।
युद्ध स्तर पर प्रशासन ने छेड़ा अभियान
राजधानी मनीला के दक्षिण में स्थित लुजोन द्वीप पर रहने वाले इस राख की वजह से अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं। सरकार ने इन लोगों को यहां से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम भी युद्ध स्तर पर छेड़ दिया है। प्रशासन का कहना है कि इस ज्वालामुखी में अभी और जबरदस्त धमाका हो सकता है। इस पूरे इलाके में अब तक 335 भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं।
दहशत भरा है माहौल
कई किमी दूर से इस ज्वालामुखी में धमाकों के बीच बिजली चमक रही है। यह नजारा जहां भूगर्भ वैज्ञानिकों के लिए अदभुत हो सकता है वहीं ये नजारा यहां के लोगों में दहशत भर रहा है। प्रशासन की अपील के बावजूद सैकड़ों लोग अपना घर छोड़कर यहां से बाहर नहीं जाना चाहते हैं।
बारिश के साथ राख
ज्वालामुखी के फटने के बाद यहां पर बारिश हो चुकी है, लेकिन इस बारिश पर गरम राख भारी पड़ी है। यह बारिश इस राख या ज्वालामुखी को ठंडा करने में नाकाफी साबित हुई है। वहीं इसने लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है।
कुछ कहना मुश्किल
फिलीपींस इंस्टिट्यूट ऑफ वॉलकेनोलॉजी एंड सिसमोलॉजी के डायरेक्टर का कहना है कि वह नहीं बता सकते हैं कि ज्वालामुखी में धमाके और राख कब बंद होगी। फिलहाल इसका अलर्ट लेवल चार पर ही रखा गया है।
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