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जिंदा रहने के लिए कैक्‍टस और टिड्डियां खाने को मजबूर हुए मैडागास्‍कर के लोग, यूएन ने लगाई गुहार

मैडागास्‍कर में लोगों का जीवन बेहद मुश्किल होकर रह गया है। इसकी वजह है अकाल और सूखा। जलवायु परिवर्तन में इस देश की भूमिका बेहद छोटी है लेकिन इसकी सबसे अधिक मार यही झेलने को मजबूर हो रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 03:29 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 03:31 PM (IST)
मैडागास्‍तर के सूखे और अकाल की वजह से हालात बेहद खराब हैं।

न्‍यूयार्क (यूएन)। संयुक्‍त राष्‍ट्र की तरफ से मैडागास्‍कर के हालातों पर गहरी चिंता जताई गई है। यहां पर अकाल और सूखे की वजह से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। मैडागास्‍कर में संगठन के शीर्ष सहायता अधिकारी इस्सा सनोगो ने अपील की है कि यहां पर विश्‍व बिरादरी को मदद के लिए किए जा रहे प्रयासों को तेज करने की जरूरत है। यहां पर 13 लाख से भी अधिक लोग गंभीर भुखमरी का सामना करने को मजबूर हो रहे हैं। सनोगो ने ये भी कहा है कि देश में बीते चार दशकों के दौरान इतना भयंकर सूखा नहीं पड़ा है जितना इस बार है।

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यूएन के मुताबिक बीते 40 वर्षों में पड़े सबसे भीषण सूखे, कीटों के प्रकोप और रेतीले तूफानों ने यहां के अधिकतर लोगों के लिए खाद्य उत्पादन बेहद मुश्किल बना दिया है। ये स्थिति केवल इसी वर्ष देखने को नहीं मिली है बल्कि करीब तीन वर्षों से यहां का ऐसा ही हाल है। सनोगो ने दुनिया को आगाह करते हुए कहा है कि वो यहां के हालातों से मुंह नहीं फेर सकती है। उन्‍होंने कहा कि यहां के लोगों को हमारी आज बहुत जरूरत है। उनकी ये जरूरत कल भी बनी रहेगी। उनकी जरूरत को पूरा करने के लिए तुरंत धन की जरूरत है।

बता दें कि विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कुछ समय पहले ही मैडागास्‍कर को लेकर चेतावनी भी दी थी। संगठन की तरफ से कहा गया था कि यहां के दक्षिणी हिस्से में स्थिति बेहद खराब होकर अकाल का रूप भी ले सकती है। संगठन ने इसकी बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन को बताया था। यूएन और इससे जुड़े दूसरे संगठनों अगले वर्ष मई तक वहां पर सहायता अभियान जारी रखने के लिए 23 करोड़ 10 लाख डालर की रकम जुटाने की अपील जारी की हुई है। हालांकि अपील के बाद भी यूएन केवल इसके लिए 12 करोड़ डालर ही अब तक जुटा पाया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की मानवीय सहायता मामलों की एजेंसी OCHA ने भी मैडागास्‍कर के हालातों पर चिंता जताई है। संगठन का कहना है कि आने वाले दिनों में खाने-पीने और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के लिए उसको और अधिक धन की जरूरत है।

मैडागास्‍कर के बदतर हालातों का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यहां पर सूखे और अकाल की वजह से 13 लाख से अधिक लोग गंभीर रूप से भुखमरी का सामना कर रहे हैं। इतना ही नहीं जिंदा रहने के लिए यहां के लोग कैक्टस और टिड्डियां खाने को मजबूर हो रहे हैं। यूएन के मुताबिक यहां के करीब पांच लाख से अधिक बच्चे गंभीर कुपोषण की गिरफ्त में हैं। यूएन की तरफ से यहां तक कहा गया है कि मैडागास्‍कर का जलवायु परिवर्तन में या धरती के गर्म होते वातावरण में बेहद कम योगदान है। इसके बावजूद इसकी सबसे अधिक मार यही झेल रहा है। यहां पर आए संकट की वजह से बच्‍चों को अपना स्‍कूल तक छोड़ना पड़ा है। इस बीच यहां पर लिंग आधारित हिंसा में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि मैडागास्‍कर चारों तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है। ये करीब 592,800 वर्ग किमी में फैला है। इंडोनेशिया के बाद ये दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा द्वीपीय देश है। वर्तमान में यहां की आबादी करीब 2.84 करोड़ है।


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