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मेसेडोनिया के राष्ट्रपति ने देश का नाम बदलने के करार पर नहीं किए दस्तखत

ग्रीस के एक प्रांत का नाम भी मेसेडोनिया होने के कारण दोनों देशों के बीच नाम को लेकर 27 सालों से विवाद चल रहा था।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 06:41 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 06:41 PM (IST)
मेसेडोनिया के राष्ट्रपति ने देश का नाम बदलने के करार पर नहीं किए दस्तखत
मेसेडोनिया के राष्ट्रपति ने देश का नाम बदलने के करार पर नहीं किए दस्तखत

बेलग्रेड, रायटर। मेसेडोनिया के राष्ट्रपति जॉर्ज इवानोव ने देश का नाम बदलने वाले समझौते पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। उन्होंने इसे संविधान का उल्लंघन करने वाला आपराधिक कदम बताते हुए कहा कि इससे कानून व्यवस्था प्रभावित होगी और देश ग्रीस पर आश्रित हो जाएगा।

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वर्ष 1991 में यूगोस्लाविया से अलग होकर मेसेडोनिया स्वतंत्र देश बना था। ग्रीस के एक प्रांत का नाम भी मेसेडोनिया होने के कारण दोनों देशों के बीच नाम को लेकर 27 सालों से विवाद चल रहा था। इसी के चलते ग्रीस ने मेसेडोनिया के यूरोपीय संघ और नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) में भी शामिल होने पर रोक लगा थी।

हाल में दोनों देशों के विदेश मंत्री मेसेडोनिया का नाम बदलकर 'रिपब्लिक ऑफ नार्थ मेसेडोनिया' करने पर राजी हुए थे। पिछले हफ्ते मेसेडोनिया की संसद ने भी इस समझौते को मंजूरी दे दी थी। राष्ट्रपति की मनाही के कारण सरकार के सामने सियासी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। सरकार ने इस मुद्दे पर जनमत संग्रह कराने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री जोरान जेव कह चुके हैं कि यदि जनमत संग्रह समझौते के पक्ष में नहीं हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे क्योंकि मेसेडोनिया के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है।


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