लिट्टे की विचारधारा अब भी श्रीलंका के लिए चुनौती बनी हुई है: सिरीसेन
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेन ने लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) की विचारधारा को खत्म करने के लिए जनता से सहयोग मांगा है।
कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेन ने लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) की विचारधारा को खत्म करने के लिए जनता से सहयोग मांगा है। उनका मानना है कि लिट्टे आज भी श्रीलंका के लिए चुनौती है।
सिरीसेन ने गृहयुद्ध की समाप्ति के नौ साल पूरे होने के मौके पर राजधानी कोलंबो में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, सैन्य कार्रवाई में हमने लिट्टे को एक संगठन के रूप में समाप्त कर दिया है, लेकिन उसकी विचारधारा और उसके कुछ एजेंट अब भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय हैं। इतना ही नहीं वे अलग तमिल राष्ट्र बनाने के लिए काम भी कर रहे हैं। अपनी बात के पक्ष में उन्होंने लंदन में लिट्टे के पक्ष में हुए प्रदर्शन का हवाला भी दिया।
देश में लिट्टे को लेकर विरोधाभास दिखा। एक तरफ देश के दक्षिणी हिस्से में सैनिकों की याद में नायक दिवस मनाया गया तो वहीं उत्तरी हिस्से में तमिलों ने उन लोगों को याद किया जिन्होंने सेना के साथ लड़ाई में अपनी जान गंवाई थी। मुल्लातिवू जिले में हुए एक कार्यक्रम में करीब पांच हजार लोगों ने हिस्सा लिया। श्रीलंकाई सैनिकों और लिट्टे के बीच इसी जिले में अंतिम युद्ध हुआ था।