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जानिए क्या थी North Korea के तानाशाह Kim Jong Un के गायब होने के पीछे की असली वजह

कोरियाई विशेषज्ञों का कहना है कि किम जोंग उन अब बहुत देर तक खड़े नहीं रह पाते हैं स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से वो घिरे हुए हैं इसी वजह से कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेते।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 03:00 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 03:03 PM (IST)
जानिए क्या थी North Korea के तानाशाह Kim Jong Un के गायब होने के पीछे की असली वजह
जानिए क्या थी North Korea के तानाशाह Kim Jong Un के गायब होने के पीछे की असली वजह

प्योंगयोंग। नार्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बारे में तरह-तरह की खबरें सामने आती रहती हैं मगर अब जो एक खबर सामने आ रही है उसमें काफी हद तक दम दिख रहा है। कहा जा रहा है कि किम जोंग उन का स्वास्थ्य ठीक नहीं है इस वजह से वो अपने इलाज पर ध्यान दे रहे हैं। इन्हीं वजहों से वो बीते दो माह से आम लोगों से दूरी बनाए हुए हैं।

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अप्रैल में सालगिरह के मौके पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में उनके शामिल न होने पर भी तमाम तरह की अफवाहों को बल मिला था, अप्रैल माह में वो तीन सप्ताह तक गायब थे। उसके बाद उनके मरने तक की अटकलें लगाई जाने लगी मगर एक मई को एक फैक्ट्री के उद्घाटन समारोह में शामिल होकर किम ने सारी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया था। 

उस कार्यक्रम के बाद से अब तक दुबारा से किम को किसी कार्यक्रम में नहीं देखा गया है ना ही उन्होंने सामने आकर जनता के लिए कोई संदेश जारी किया है। जबकि कोरोना वायरस से पूरी दुनिया के लोग परेशान है, लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। अब एक बार फिर उनके स्वास्थ्य को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो रहा है। इसके पीछे वजहें भी बताई जा रही हैं जो काफी हद तक सही प्रतीत होती हैं।

कोरिया के एक विशेषज्ञ का दावा है कि किम जोंग के साथ स्वास्थ्य एक बड़ा मुद्दा है वो इसे दिखाना नहीं चाहते हैं मगर कई तरह की चीजों को देखने के बाद अब ये स्पष्ट हो रहा है क्योंकि चीजें उससे जुड़ रही हैं।

कोरिया विश्वविद्यालय में उत्तर कोरियाई अध्ययन के एक प्रोफेसर नाम सेओंग-वूक ने इस महीने की शुरुआत में रॉयटर्स को बताया था कि अब किम जोंग उन के लिए जिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है वहां पर कुर्सी और डेस्क की व्यवस्था जरूर की जा रही है। ये भी देखने में आया है कि किम बहुत देर तक खड़े नहीं रह पाते हैं वो बहुत अधिक दूरी तक चल भी नहीं पाते हैं। इस तरह की खबरें एक्सप्रेस नामक वेबसाइट में कैरी भी की गई हैं। 

जबकि इससे पहले कार्यक्रमों में किम के लिए ये चीजें नहीं रखी जाती थी, वो खड़े-खड़े ही कार्यक्रम में हिस्सा लेते और चले जाते थे। मगर अब ऐसा देखने में नहीं आ रहा है। किम के शरीर में ऐसी कुछ चीजें हुई हैं जिसकी वजह से वो लंबे समय तक खड़े नहीं रह पाते हैं, थोड़ी देर खड़े रहने के बाद उन्हें बैठने की आवश्यकता पड़ ही जाती है।

नेम ने कहा कि अगर किम लंबे समय तक खड़े नहीं हो पाए तो शायद यही वजह है कि वह अप्रैल माह में कुमसुसन पैलेस में आयोजित सालगिरह के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए, यदि वो उस कार्यक्रम में शामिल होते तो उनको वहां पर कम से कम एक घंटे तक खड़ा रहना पड़ता, ये प्रोटोकॉल का हिस्सा था।  

उनके इस कार्यक्रम में हिस्सा न लेने पर तमाम तरह की अटकलें लगाई गई थी। ये पहला मौका था जब किम इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। नार्थ कोरिया में ये कार्यक्रम काफी धूमधाम से मनाया जाता है, इसकी लोग प्रतीक्षा करते रहते हैं। उसके बावजूद किम का इसमें शामिल न होना अपने आप में बहुत तरह की बातों को सोचने के लिए मजबूर कर रहा था।

एक मई के कार्यक्रम के बाद अब किम फिर से बीते 21 दिनों से गायब हैं, अब उत्तर कोरिया का राज्य मीडिया इसको लेकर एक बार फिर देश के सामने सकारात्मक तस्वीर खींचने की कोशिश कर रहा है। मगर कुछ न कुछ गंभीर चीजें हैं जिसे छिपाने की कोशिश की जा रही है। 

इसी सप्ताह की शुरूआत में किम को लेकर एक अच्छी तस्वीर पेश करने की कोशिश की गई, कहा गया कि किम जोंग उन देश के लिए 365 दिन काम करते हैं वो किसी तरह की छुट्टी नहीं करते हैं, यहां तक की देश के लिए कई बार रात-रात भर जागते रहते हैं उनकी नींद भी पूरी नहीं होती है।

नार्थ कोरिया के एक दैनिक रोडोंग सिनमुन नामक अखबार में अपने यहां किम को लेकर एक आर्टिकल पब्लिश किया जिसमें कहा गया है कि किम एक क्रांतिकारी नेता है उनके कैलेंडर में किसी तरह की छुट्टी नहीं है वो सिर्फ और सिर्फ काम करते रहते हैं।

वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया की सेंट्रल कमेटी के आधिकारिक पेपर ने पूरे फ्रंट पेज को ही किम जोंग उन के कामों को समर्पित कर दिया, इस पूरे पेज में किम के साल 2012 के सत्ता संभालने के बाद से सारे कामों का वर्णन किया गया था। ये पूरा पेज उन्हीं को समर्पित कर दिया गया था।

लोगों के लिए किम के प्यार की प्रशंसा की और "अभूतपूर्व कठिनाइयों" और "गंभीर परिस्थितियों" के बावजूद उनके नेतृत्व की सराहना की, इसमें ये भी कहा गया है कि राजधानी प्योंगयांग पर कुछ देशों ने दबाव डालने की कोशिश की मगर हमारे नेता ने उनका जवाब दिया वो किसी के सामने कमजोर नहीं पड़ते हैं।  

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