जानिए क्या है 1 एमबीडी कांड, जिसमें मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब पाए गए दोषी
मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक के समय में देश के विकास के लिए एक बोर्ड बनाया गया था जिसमें विकास के नाम पर जमा हुए पैसे निकालकर भ्रष्टाचार किया गया।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क/रॉयटर्स। ऐसा नहीं है कि घोटाले सिर्फ अपने ही देश में होते हैं, कई दूसरे देश भी ऐसे हैं जहां बड़े-बड़े घोटाले हुए हैं। इन घोटालों में वहां के राजनेता और बैंक कर्मचारी दोनों शामिल रहे हैं। ताजा मामला मलेशिया का सामने आया है। जिसमें वहां के पूर्व प्रधानमंत्री तक को दोषी पाया गया है। दोषी पाए जाने पर उन पर जुर्माना लगाया गया है और सजा भी सुनाई जाएगी।
क्या था मामला?
मलेशिया के आर्थिक विकास के गति देने के लिए उस समय के प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक के नेतृत्व में एक बोर्ड की स्थापना की गई। इस बोर्ड से शहर का तो विकास नहीं हुआ मगर कुछ लोगों का अपना विकास बहुत अधिक हो गया। इसमें देश के प्रधानमंत्री नजीब रजाक का भी नाम सामने आया। जब मामला उजागर हुआ उसके बाद केस दर्ज हुआ। अदालत में सुनवाई शुरू हुई। गवाह और सबूत पेश किए गए। इन्हीं को आधार बनाकर जज ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को सजा भी सुना दी। इस खबर के माध्यम से हम आपको इस पूरे कांड का कहानी बताएंगे।
क्या है 1एमडीबी कांड?
नजीब रजाक ने अपने प्रधानमंत्री काल में जिस 1एमडीबी फंड की स्थापना की थी। उसका मकसद मलेशिया के आर्थिक विकास को गति देना बताया गया था। लेकिन फंड में अरबों का कर्ज इकट्ठा होता गया और अमेरिकी जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इसके नाम पर कम से कम 4.5 अरब डॉलर की चोरी की गई है। अमेरिका का आरोप था कि इस मद में इकट्ठा किए गए धन की लॉन्ड्रिंग कर उसे नजीब के सहयोगियों ने हॉलीवुड फिल्मों और होटलों में निवेश किया।
इसके अलावा इन्हीं पैसों से महंगे गहने, करोड़ों डॉलर की यॉट (पानी के जहाज) और विश्व प्रसिद्ध पेंटर पाब्लो पिकासों की पेंटिंग तक खरीदी गई। ऐसे आरोप लगाए गए। इसके अलावा फंड की एक अरब डॉलर से ज्यादा राशि कथित तौर पर नजीब के बैंक खाते में डाली गई। नजीब की पत्नी, उनकी पार्टी के कई लोगों और पूर्व सरकार में शामिल कई नेताओं पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। 2018 में नजीब के सत्तारूढ़ गठबंधन पर इसी घोटाले को लेकर जनता का गुस्सा फूटा था और चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था।
कुल 7 आरोप लगे, दो घंटे में जज ने सुनाया फैसला
नजीब रजाक पर सत्ता के दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग के कुल सात आरोप लगे थे। अदालत ने अपने फैसले में पूर्व मलेशियाई प्रधानमंत्री को इन सभी मामलों में दोषी करार दिया है। भ्रष्टाचार के ये मामले मलेशिया के सरकारी विकास फंड एक मलेशिया डेवेलपमेंट बेरहाद (1एमडीबी) से जुड़े हैं। क्वालालंपुर हाई कोर्ट के जज मोहम्मद नजलान गजाली ने इनमें से तीन मामलों में रजाक को आपराधिक धोखाधड़ी, तीन में मनी लॉन्ड्रिग और एक में सत्ता के दुरुपयोग का दोषी माना है। इस मामले पर अपना विस्तृत फैसला सुनाने में जज गजाली को दो घंटे का समय लगा।
भारी जुर्माना और 15 साल की जेल
इन सभी मामलों में दोषी पाए गए रजाक को भारी जुर्माना भरने के साथ ही 15 से 20 साल की जेल की सजा सुनाई जा सकती है। नजीब रजाक के वकील कोशिश में लगे हैं कि सजा सुनाने में जितनी हो सके उतनी देरी की जा सके। नजीब ने खुद भी कहा है कि हाई कोर्ट के किसी भी फैसले के खिलाफ वे आगे फेडरल कोर्ट में अपील करेंगे। उनका कहना है कि उन्हें भ्रष्ट बैंकरों द्वारा बरगलाया गया था और ये सभी मामले राजनीतिक द्वेष से प्रेरित हैं।
नजीब रजाक पर ऐसे कुल 42 आरोप लगे हैं, जिसमें से ये पहले सात हैं जिनका फैसला आया है। इनका संबंध 4.2 करोड़ मलेशियाई रिंगिट (करीब 95 लाख डॉलर) की उस राशि से है जिसे कथित तौर पर एसआरसी इंटरनेशनल से चुराया गया था। 2009 में सत्ता में आने के बाद रजाक ने 1एमडीबी के अंतर्गत एसआरसी इंटरनेशनल नाम की कंपनी की स्थापना की थी।
अब आगे क्या होगा?
क्वालालंपुर हाई कोर्ट ने एसआरसी इंटरनेशनल से जुड़े एक अन्य ट्रायल के लिए जुलाई 2021 की तारीख तय की है। नजीब रजाक 3 अगस्त को अगले मामले की सुनवाई के लिए फिर से अदालत में पेश होंगे। इस बार कुल 42 केस में से उस मामले की सुनवाई होगी जिसमें उन पर 1एमडीबी फंड से जनता के 70 करोड़ डॉलर से अधिक चुराने का आरोप लगाया गया है।