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लंदन जेल में जूलियन असांजे की बुरी दशा, UN के मानवाधिकार विशेषज्ञ ने यह आशंका जताई

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे (48) को लंदन की जेल में दिए जा रहे इलाज पर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञ ने सवाल उठाए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 08:34 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 08:34 PM (IST)
लंदन जेल में जूलियन असांजे की बुरी दशा, UN के मानवाधिकार विशेषज्ञ ने यह आशंका जताई
लंदन जेल में जूलियन असांजे की बुरी दशा, UN के मानवाधिकार विशेषज्ञ ने यह आशंका जताई

ओल्ड जिनेवा, एएफपी। विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे (48) को लंदन की जेल में दिए जा रहे इलाज पर संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञ ने सवाल उठाए हैं। कहा है, अगर इलाज का तरीका न बदला गया तो असांजे की जान को खतरा हो सकता है। जासूसी और राष्ट्रद्रोह के मामलों में अमेरिका ने असांजे के प्रत्यर्पण की मांग कर रखी है। असांजे ने अमेरिका के हजारों गोपनीय संदेशों को सार्वजनिक कर दुनिया भर में सनसनी फैला दी थी। उसी के बाद अमेरिका ने उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रखे हैं।

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असांजे के साथ क्रूरता वाला व्‍यवहार 

संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ नील्स मेजर ने शुक्रवार को लंदन की जेल के दौरे में पाया कि असांजे को अमानवीय हालात में वहां रखा गया है। उनके साथ क्रूरता वाला व्यवहार हो रहा है। बीमार असांजे को वह इलाज मुहैया नहीं हो रहा, जिसकी उन्हें सख्त जरूरत है। अगर कुछ और दिनों उन्हें इसी हालात में रखा गया, तो उनकी जान को खतरा पैदा हो जाएगा। ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे करीब सात साल तक लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में तंग-अंधेरी कोठरी में रहकर गिरफ्तारी से बचे रहे। इस साल अप्रैल में जब वह दूतावास से बाहर निकले तो लंदन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। नौ मई से वह लंदन की जेल में हैं।

11 अप्रैल को असांजे को गिरफ्तार किया गया  

असांजे इस समय ब्रिटेन में जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के अपराध में 50 हफ्तों के कारावास की सजा काट रहे हैं। असांजे को जमानत स्वीडन में दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के आरोप के सिलसिले में मिली थी। अमेरिका में असांजे के खिलाफ कुल 18 मामले दर्ज हैं। उनमें दोषी साबित होने पर असांजे को कई दशकों तक कारावास की सजा काटनी पड़ सकती है। लंदन में करीब सात वर्ष तक इक्वाडोर के दूतावास में शरण लिए रहने के बाद असांजे 11 अप्रैल को वहां से बाहर आए थे। इसके तत्काल बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और ब्रिटिश कोर्ट ने जमानत शर्तों के उल्लंघन के लिए 50 हफ्ते की सजा सुनाई।


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