इटली में कृषि मजदूरों की कमी, पोप ने किया प्रवासी श्रमिकों का समर्थन
कोरोना वायरस संकट की वजह से इटली में मौसमी कृषि मजदूरों की कमी हो गई है लिहाजा सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि उन्हें कानूनी वैधता प्रदान की जाए अथवा नहीं।
रोम, एपी। कोरोना वायरस संकट की वजह से इटली में मौसमी कृषि मजदूरों की कमी हो गई है, लिहाजा सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि उन्हें कानूनी वैधता प्रदान की जाए अथवा नहीं। इस क्रम में पोप फ्रांसिस ने प्रवासी कृषि मजदूरों का समर्थन करते हुए अपील जारी की है कि उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए।
मौसमी श्रमिक यात्रा प्रतिबंधों की वजह से अपने घरों में फंसे
इटली में कृषि से जुड़े समूहों, कुछ सांसदों और मंत्रियों ने चेतावनी दी है कि वसंत और गर्मियों की फसल खतरे में है क्योंकि पूर्वी यूरोप में रहने वाले देश के सामान्य मौसमी श्रमिक यात्रा प्रतिबंधों की वजह से अपने घरों में फंस गए हैं। पोप फ्रांसिस ने कहा कि कोविड-19 संकट का सबसे ज्यादा असर प्रवासी कृषि मजदूरों पर हुआ है जो महामारी से पहले भी अनियमित रोजगार और प्रतिदिन 25 यूरो (27 डॉलर) की मजदूरी की वजह से रोज कमाने खाने वाले थे।
प्रवासी मजदूरों की गरिमा का सम्मान हो
प्रवासी श्रमिकों में अधिकांश पॉजिटिव नहीं मिले हैं, फिर भी उनका अनिश्चित काम खत्म हो गया है। अपने साप्ताहिक संबोधन में पोप ने कहा, 'यह सच है कि वर्तमान संकट ने सभी को प्रभावित किया है, लेकिन लोगों की गरिमा का हमेशा सम्मान होना चाहिए। इसीलिए मैं इन श्रमिकों और सभी उत्पीडि़त श्रमिकों की अपील का समर्थन करता हूं।' गौरतलब है कि इटली में कोरेाना वायरस के 2,13,013 मामले सामने आ चुके हैं और 29,315 लोगों की मौत हो चुकी है।
पोप फ्रांसिस ने वैक्सीन खोजने पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग का किया आह्वान
पोप फ्रांसिस ने पिछले रविवार को COVID-19 के लिए वैक्सीन और उपचार की खोज में एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया था। आशीर्वाद देने के बाद अपोस्टोलिक पैलेस की लाइब्रेरी से पोप फ्रांसिस ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया के हर हिस्से में मौजूद कोरोना के इलाज की आवश्यक तकनीकों की अनुमति मिलनी चाहिए। एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन विकसित करने के लिए कुछ देशों में रिसर्च पहले से ही चल रही हैं, और विभिन्न देशों में वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने रोगियों के इलाज के लिए विभिन्न दवाओं का उपयोग करने में अनुभव भी साझा किए हैं।