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यदि ईरान ने छिपकर परमाणु कार्यक्रम जारी रखा तो ट्रंप इसपर 12 मई को फैसला करेंगे

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि ईरान ने छिपकर परमाणु कार्यक्रम जारी रखा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 01 May 2018 05:10 PM (IST)Updated: Tue, 01 May 2018 05:24 PM (IST)
यदि ईरान ने छिपकर परमाणु कार्यक्रम जारी रखा तो ट्रंप इसपर 12 मई को फैसला करेंगे
यदि ईरान ने छिपकर परमाणु कार्यक्रम जारी रखा तो ट्रंप इसपर 12 मई को फैसला करेंगे

यरुशलम, आइएएनएस। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि ईरान ने छिपकर परमाणु कार्यक्रम जारी रखा है। उन्होंने कहा कि उनके पास इसके प्रमाण हैं। नेतन्याहू के दावे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि 12 दिनों के भीतर वह ईरान परमाणु समझौते पर फैसला करेंगे।

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-ट्रंप ने कहा, 12 दिनों में करेंगे ईरान परमाणु समझौते पर फैसला

शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नेतन्याहू ने सोमवार को टीवी चैनल प्रसारण में कहा कि इजरायली खुफिया एजेंसियों ने ईरान के गुप्त परमाणु भंडार से संबंधित 55,000 पेज के दस्तावेज और 183 सीडी हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि ईरान ने परमाणु कार्यक्रम कभी नहीं चलाने की बात कह कर झूठ बोला। परमाणु समझौते के बाद भी उसने फोरदो परमाणु परीक्षण स्थल पर भविष्य के लिए परमाणु हथियार संरक्षित रखे और उनका विस्तार किया।

नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े दस्तावेज अमेरिका के साथ साझा किए गए हैं। अब इस मामले में ट्रंप अमेरिका, इजरायली जनता और विश्व शांति के लिए सही कदम उठाएंगे। नेतन्याहू का बयान ट्रंप द्वारा ईरान परमाणु समझौते पर फैसले के लिए 12 मई की डेडलाइन से पहले आया है।

उधर, ह्वाइट हाउस के मुताबिक, ट्रंप ने कहा कि उन्होंने विकल्प खुला रखा है और 12 तारीख या उससे पहले वह इस पर फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि यह साबित हो गया कि यह समझौता खराब था। हम कहते आ रहे हैं कि ऐसा हो रहा है। ह्वाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि नेतन्याहू की सूचना नई और दमदार है। इससे ईरान के परमाणु हथियार वाली मिसाइल विकसित करने का पता चलता है। अमेरिका के पास लंबे से जो जानकारी थी, उससे इजराइल की सूचना मेल खाती है।

गौरतलब है कि ईरान ने प्रतिबंधों से राहत पाने के लिए साल 2015 में अमेरिका और पांच अन्य वैश्विक शक्तियों के साथ परमाणु समझौता किया था। समझौते के तहत ईरान ने परमाणु कार्यक्रम बंद करने पर सहमति जताई थी। ट्रंप ने ओबामा प्रशासन के दौरान हुए इस समझौते को खराब बता कर इससे अलग होने की धमकी दी है। 


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