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Israel Politics: इजरायली संसद भंग, चार वर्षो में पांचवीं बार होंगे आम चुनाव; यैर लैपिड होंगे कार्यवाहक पीएम

संसद को भंग करने के प्रस्ताव का 92 सदस्यों ने समर्थन किया। किसी सदस्य ने इसका विरोध नहीं किया। विगत कुछ दिनों से चुनाव की नई तारीख व अन्य विधेयकों को लेकर गठबंधन व विपक्ष के बीच तनातनी बनी हुई थी। नए चुनाव एक नवंबर को होंगे।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 05:21 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 05:21 PM (IST)
Israel Politics: इजरायली संसद भंग, चार वर्षो में पांचवीं बार होंगे आम चुनाव; यैर लैपिड होंगे कार्यवाहक पीएम
इजरायली संसद भंग, चार वर्षो में पांचवीं बार होंगे आम चुनाव

यरुशलम, एपी। Israel Election:  मतदान के बाद गुरुवार को इजरायली संसद भंग हो गई। इसके साथ ही नवंबर में आम चुनाव का रास्ता साफ हो गया। चार वर्षो से भी कम समय में इजरायल में पांचवीं बार आम चुनाव होंगे। इजरायल के विदेश मंत्री व निवर्तमान सरकार के गठन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले यैर लैपिड शुक्रवार को मध्यरात्रि के बाद देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बन जाएंगे।

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इजरायल के इतिहास में बेनेट रहे सबसे कम समय के लिए प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री पद संभालने वाले यैर लिपिड 14वें शख्स  होंगे। नफ्ताली बेनेट इजरायल के इतिहास में सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहे। गठन के एक साल बाद ही उनकी सरकार गिर गई। इजरायल के इतिहास में सबसे लंबे समय (12 साल) तक प्रधानमंत्री रहे बेंजामिन नेतन्याहू को अपदस्थ कर बेनेट की सरकार बनी थी। इसके लिए अलग-अलग विचारधारा की आठ पार्टियां एकजुट हुई थीं।

भंग हो गया संसद

संसद को भंग करने के प्रस्ताव का 92 सदस्यों ने समर्थन किया। किसी सदस्य ने इसका विरोध नहीं किया। विगत कुछ दिनों से चुनाव की नई तारीख व अन्य विधेयकों को लेकर गठबंधन व विपक्ष के बीच तनातनी बनी हुई थी। नए चुनाव एक नवंबर को होंगे। इसके साथ ही इजरायल में सरकार बनाने के लिए विभिन्न विचारधारा की आठ पार्टियों के साथ आने का प्रयोग औपचारिक रूप से समाप्त हो गया। ये पार्टियां राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के उद्देश्य से साथ आई थीं, जिसके कारण देश को दो वर्षो के भीतर चार आम चुनावों सामना करना पड़ा था।

पिछली बार  नेतन्याहू की पार्टी के खाते में गए थे सबसे अधिक वोट

पिछले चुनावों में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के खाते में ही सबसे अधिक वोट गए थे, लेकिन नेतन्याहू सरकार बनाने के लिए आवश्यक 61 सीटों को एक साथ लाने में असफल रहे थे। इसलिए जनादेश यायर लैपिड को दिया गया। सभी को आश्चर्यचकित करते हुए लैपिड ने एक आठ-पक्षीय गठबंधन सरकार बनाने का फैसला किया था, जो मूल रूप से नेतन्याहू को सत्ता से दूर करने के लिए बनाया गया था।


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