ईरान: अगस्त में मारा गया था अलकायदा का कमांडर, 22 साल पहले हुए विस्फोट का था दोषी
Israeli operatives killed al Qaeda No 2 leader in Iran 1998 में अफ्रीका स्थित दो अमेरिकी दूतावासों पर हुए बम विस्फोट की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड की मदद करने के दोषी अलकायदा के नंबर 2 कमांडर को इजरायल ने अगस्त में मार दिया था।
न्यूयॉर्क (रॉयटर्स)। अल कायदा (Al Qaeda) के कमांडर को अगस्त में अमेरिका के इशारे पर इजरायल ने मार गिराया था। दरअसल, आतंकी गुट में दूसरे नंबर का यह कमांडर (second-in-command) 1998 में अफ्रीका स्थित दो अमेरिकी दूतावासों पर हुए बम विस्फोट की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड की मदद करने का दोषी था। यह जानकारी शुक्रवार को खुफिया विभाग के अधिकारियों के हवाले से न्यूयार्क ने दी।
अमेरिका ने वर्ष 1998 में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर आतंकवादी संगठन अलकायदा के भीषण हमले का बदला 22 साल बाद लिया था। अमेरिका की ओर से इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के जवानों ने ईरान की राजधानी तेहरान में छिपे अलकायदा के नंबर दो सरगना अबू मोहम्मद अल मस्त्री (58) को हमले की बरसी पर ढेर कर दिया। इस दौरान अलकायदा सरगना ओसामा बिना लादेन की बहू भी मारी गई।
अलकायदा की ओर से किए गए विस्फोट में 224 लोग मारे गए थे और अनेकों जख्मी हो गए थे। इस हमले का मास्टरमाइंड अबू मोहम्मद था। रिपोर्ट के अनुसार, अलकायदा के दूसरे नंबर के नेता अबू मोहम्मद ऊर्फ अब्दुल्ला अहमद अब्दुल्ला को उसकी बेटी के साथ गत 7 अगस्त को तेहरान की सड़कों पर गोली मार दी गई। अफ्रीकी देश केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावास पर 9 अगस्त 1998 को हुए भीषण हमले में 224 लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हो गए थे।
अबू मोहम्मद पर अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया था। अगस्त में इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद से अब तक न तो अमेरिका, न ईरान और न ही इजरायल ने इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था। यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अबू मोहम्मद की हत्या में अमेरिका ने क्या भूमिका निभाई लेकिन माना जाता है कि अमेरिका ने इतने सालों से ईरान में रह रहे आतंकी की हर गतिविधि पर नजर रखी हुई थी।