पेगासस प्रकरण के बाद इजरायल करेगा समीक्षा, दुरुपयोग की शिकायत पुष्ट होने पर बंद हो सकती है सेवा
संगठनों का आरोप है कि पेगासस के जरिये पत्रकारों के स्मार्टफोन को देखा गया। एनएसओ ने कहा है कि जासूसी प्रकरण से उसका लेना-देना नहीं है। कंपनी ने कहा है कि दुरुपयोग की पुष्ट शिकायत मिलेगी तो वह सेवाओं को बंद करने में देर नहीं करेगी।
यरुशलम, रायटर। इजरायल की शक्तिशाली संसदीय समिति ने देश की रक्षा उत्पाद निर्यात नीति में बदलाव की आवश्यकता जताई है। यह अपेक्षा देश के एनएसओ ग्रुप के उस सॉफ्टवेयर की बिक्री को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद की गई है जिसके जरिये पत्रकारों, नेताओं, सरकारी अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी हुई। ऐसा कई देशों में हुआ। एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर के जो लोग शिकार हुए हैं, उनमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी हैं। गुरुवार को उन्होंने अपने मंत्रिमंडल की बैठक कर मामले की जांच की घोषणा की।
शक्तिशाली संसदीय समिति ने जताई आवश्यकता
यूरोपीय यूनियन के चिंता जताए जाने के बाद जर्मनी में चांसलर एंजेला मर्केल ने जासूसी सिस्टम पर नाइत्तेफाकी जाहिर की है। इजरायली संसद नीसेट की विदेशी और रक्षा मामलों की समिति के प्रमुख राम बेन बराक ने कहा है कि सरकार को अपनी निर्यात लाइसेंस नीति की समीक्षा करनी चाहिए। इजरायल में यह लाइसेंस सरकारी संस्था डिफेंस एक्सपोर्ट कंट्रोल्स एजेंसी (डीईसीए) देती है। इससे पहले इजरायल सरकार दुनिया के 17 मीडिया संगठनों के आरोपों की जांच के लिए मंत्रियों का दल गठित कर चुकी है।
इन संगठनों का आरोप है कि पेगासस के जरिये पत्रकारों के स्मार्टफोन से मैसेज, कॉल रिकॉर्डिग और लाइव चैट को देखा गया। जबकि एनएसओ ने कहा है कि जासूसी प्रकरण से उसका कोई लेना-देना नहीं है। कंपनी ने कहा है कि किसी खरीदार के विषय में सॉफ्टवेयर के दुरुपयोग की पुष्ट शिकायत मिलेगी तो वह उसकी सेवाओं को बंद करने में देर नहीं करेगी।
कंपनी ने कहा है कि सॉफ्टवेयर आतंकियों और अपराधियों के मोबाइल फोन ट्रैक करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है और उसकी ज्यादातर खरीदार विदेशी सरकारें हैं। वैसे एनएसओ के सॉफ्टवेयर के जरिये जासूसी का शिकार होने वालों के नामों की सूची लंबी होती जा रही है। ताजा नामों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और मोरक्को के किंग मुहम्मद (सिक्स) का नाम भी शामिल है।