जनता के विरोध के बीच SC ने नेतन्याहू की गठबंधन सरकार के खिलाफ सुनवाई शुरू की
इजरायल की शीर्ष अदालत ने सोमवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गठबंधन की वैधता के खिलाफ दलीलो की सुनवाई की। इस सप्ताह के अंत तक अदालत का फैसला आना तय है।
यरुशलम, एजेंसी । इजरायल की शीर्ष अदालत ने सोमवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गठबंधन की वैधता के खिलाफ दलीलो की सुनवाई की। इस सप्ताह के अंत तक अदालत का फैसला आना तय है। इस फैसले के बाद यह तय होगा कि इजरायल में नेतन्याहू और गैंट्ज़ की गठगंधन सरकार का क्या भविष्य होगा। अगर अदालत का फैसला गठबंधन के खिलाफ रहता है तो देश में आम चुनाव का होना तय होगा। अगर ऐसा होता है तो एक वर्ष में लगातार चौथी बार आम चुनाव होंगे।
सुप्रीम कोर्ट और पैनल की अध्यक्ष एस्तेर हयुत ने रविवार को चर्चा की शुरुआत में कहा कि अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी, जो नेतन्याहू को उनके आपराधिक अभियोग के कारण नई सरकार बनाने से रोकने की मांग करती हैं। सोमवार को अदालत नेतन्याहू और बेनी गेंट्ज के बीच समझौते को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू किया। बता देंं कि कोरोना वायरस और देश में आर्थिक मंदी से निपटने के लिए पिछले महीने नेतन्याहू और गैंट्ज़ ने सरकार के गठन के लिए एक राजनीतिक सौदा किया। इसके तहत नेतन्याहू एक आपातकालीन सरकार के लिए एक साथ शपथ लेंगे। इसका इजरायली जनता विरोध कर रही है।
ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के नेता ने इजरायल में सरकार बनाने के लिए एक समझौता किया है। इस समझौते के तहत नेतन्याहू प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवा जारी रखेंगे और 18 महीने बाद गेंट्ज उनका स्थान ले लेंगे। 120 सदस्यीय इजरायली संसद में किसी भी पार्टी द्वारा गठबंधन बनाने में नाकाम रहने के बाद 20 अप्रैल को इस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट और देश के प्रमुख टीवी चैनलों पर सुनवाई का सीधा प्रसारण किया गया। नेतन्याहू के खिलाफ अदालत में अलग-अलग आठ याचिकाएं दायर की गई हैं।
हालांकि, देश का कानून स्पष्ट रूप से इस पर रोक नहीं लगाता है। इजराइल के कानून के मुताबिक कैबिनेट मंत्रियों और मेयर को आरोपी होने पर इस्तीफा देना होगा लेकिन प्रधानमंत्री के लिए त्याग पत्र देना जरूरी नहीं है। अगर अदालत नेतन्याहू के खिलाफ फैसला देती है और उन्हें प्रधानमंत्री बनने से रोकती है तो इजरायल राजनीतिक अव्यवस्था में चला जाएगा और देश में 12 महीने में चौथी बार चुनाव कराने की संभावना बन सकती है।