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विश्‍व खाद्य दिवस से पहले FAO ने इरिना समेत 17 को चुना फूड हीरो, जानें- उनके बारे में

जार्जिया की इरिना को यूएन खाद्य एजेंसी ने फूड हीरो के तौर पर चुना है। उन्‍होंने खेती में तकनीक और छोटे-छोटे बदलाव कर बड़ी कामयाबी हासिल की है। इरिना वासीलिएवा ने इस पर खुशी का इजहार किया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 03:07 PM (IST)Updated: Mon, 11 Oct 2021 03:07 PM (IST)
विश्‍व खाद्य दिवस से पहले FAO ने इरिना समेत 17 को चुना फूड हीरो, जानें- उनके बारे में
इरिना को एफएओ ने चुना फूड हीरो

न्‍यूयार्क (यूएन)। जार्जिया की इरिना वासीलिएवा को संयुक्त राष्ट्र की खाद्य और कृषि एजेंसी (एफएओ) ने 17 खाद्य नायकों में से एक के रूप में चुना है। संगठन की तरफ से इन लोगों को अपने समुदायों और अन्य लोगों को भोजन उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता के लिये मान्यता दी है। इरिना और दूसरे नायक छोटे छोटे बदलाव के जरिए बड़ा काम कर रहे हैं। 16 अक्‍टूबर को होने वाले विश्‍व खाद्य दिवस से पहले इरिना संयुक्त राष्ट्र से बातचीत की। उन्‍होंने बताया कि वेा पश्चिमी जॉर्जिया में बगदाती के वर्तसिखे गांव में रहती हैं। उनका परिवार सदियों से यहां पर खेती करता रहा है। उनके पति और उनके बच्‍चे भी इस काम में उनकी मदद करते हैं। ये उनकी आजीविका का प्रमुख साधान भी है।

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उन्‍होंने इस बातचीत के दौरान उन परेशानियों का भी जिक्र किया जो महामारी के चलते देखने को मिलीं। उन्‍होंने बताया कि महामारी की वजह से रेस्‍तरां और दूसरे व्‍यवसायों पर लगी रोक की वजह से उन्‍हें कुटैसी के बाजार में अपनी फसल बेचने को मजबूर होना पड़ा था। उन्‍होंने ये भी कहा कि एफएओ और यूरोपीय संघ की मदद से उनके जीवन स्‍थर में सुधार हुआ और परिवार की आर्थिक हालत भी सुधरी। एफएओ ने उनके गांव में नए किसान फील्ड स्कूल और प्रदर्शनी के जरिए खेती की नई विधियां बताईं।

इस दौरान उन्‍होंने यहां पर आए विशेषज्ञों को अपनी खेती से जुड़े रिकार्ड दिखाए। उन्‍होंने इस बारे में भी दिलचस्‍पी दिखाई कि कैसे उनकी फसल को बढ़ाया जा सकता है। विशेषज्ञों के जरिए उन्‍हें पता चला कि नई तकनीक के जरिए खीरे, टमाटर और सलाद पत्तों के उत्पादन में काफी सुधार लाया जा सकता है। उन्‍होंने बताया कि पहले उनकी फसल पर लागत काफी अधिक आती थी। लेकिन विशेषज्ञों से बातचीत के बाद इसमें कमी आई। उन्‍होंने बताया कि जार्जिया की महिलाएं अपनी आमदनी का एक स्‍वतंत्र स्रोत चाहती हैं।


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