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इराक: सरकार विरोधी प्रदर्शन में 11 लोगों की मौत, प्रधानमंत्री ने किया कर्फ्यू का एलान

इराक में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पुलिस वालें सहित 11 लोगों की मौत हो गई है। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने कर्फ्यू का एलान कर दिया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 03:47 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 04:08 PM (IST)
इराक: सरकार विरोधी प्रदर्शन में 11 लोगों की मौत, प्रधानमंत्री ने किया कर्फ्यू का एलान

बगदाद,एएनआइ। इराक के दक्षिणी शहरों में सरकार के खिलाफ किए जा रहे विरोध प्रदर्शन में एक पुलिसकर्मी सहित 11 लोगों की मौत हो गई है। इराकी प्रधानमंत्री अदेल अब्दुल महदी ने बगदाद की राजधानी में कर्फ्यू की घोषणा कर दी है।  महदी सरकार के खिलाफ किए गए इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन कई समस्याओं के लिए किया गया जिनके कारण कई इराकियों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। इन समस्याओं में  भ्रष्टाचार और बेरोजगारी शामिल हैं। 

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बुधवार को दो लोगों की मौत

अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को प्रदर्शन के दौरान कम से कम दो लोग मारे गए और कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए। दरअसल, सरकार विरोधी प्रदर्शनों के लिए एकत्रित हुए लोगों पर सुरक्षाबलों ने गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े। भारी पुलिस उपस्थिति के बीच बगदाद स्थित एक चौक में लगभग 1,000 प्रदर्शनकारियों ने मार्च किया था। जब भीड़ ग्रीन जोन की ओर बढ़ी तब सुरक्षाबलों ने आंसू गैस छोड़ी। इस दौरान नसीरिया, दिवानियाह, और बसरा शहरों में भी विरोध प्रदर्शन किया गया।

संयुक्त राष्ट्र  ने लोगों से संयम बरतने की अपील

संयुक्त राष्ट्र  ने हिंसक हो रहे विरोधी प्रदर्शनों में लोगों से संयम बरतने का आह्वान किया है। ये विरोध प्रदर्शन इराकी राजधानी और  देश के मध्य प्रांतों तक किया जा रहा है। यूएन असिस्टेंस मिशन फॉर इराक (UNAMI) द्वाजा जारी किए गए बयान में बताया गया कि इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि जीनिन हेंसा-प्लास्चर्ट ने शांत बरतने के लिए कहा है। साथ ही दोनों पक्षो (प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों) के लोगों के मारे जाने पर अफसोस व्यक्त किया।

हेंस प्लास्चर्ट ने  इराकी अधिकारियों से कहा कि वह कानून और व्यवस्था को बनाए रखने और लोगों, सार्वजनिक और निजी संपत्ति की रक्षा करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संयम बरते। हेंस-प्लास्चर्ट आगे कहा कि हर व्यक्ति को कानून को ध्यान में रखते हुए स्वतंत्र रूप से बोलने का अधिकार है।


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