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COVID 19 Vaccine: इंटरपोल ने दी चेतावनी, कोरोना वैक्‍सीन का हो सकता है दुरुपयोग

इंटरपोल वैश्विक पुलिस समन्वय एजेंसी ने बुधवार को चेतावनी दी कि संगठित आपराधिक नेटवर्क कोरोना वैक्‍सीन निशाना बना सकते हैं और नकली शॉट्स बेच सकते हैं। फ्रांस स्थित इंटरपोल के मुख्यालय ने कहा कि उसने 194 सदस्य देशों को कानूनी रूप से एक वैश्विक अलर्ट जारी किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 06:59 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:18 PM (IST)
इंटरपोल वैश्विक पुलिस समन्वय एजेंसी और कोरोना वैक्‍सीन की फाइल फोटो।

पेरिस, रायटर। इंटरपोल वैश्विक पुलिस समन्वय एजेंसी ने बुधवार को चेतावनी दी कि संगठित आपराधिक नेटवर्क कोरोना वैक्‍सीन निशाना बना सकते हैं और नकली शॉट्स बेच सकते हैं। फ्रांस स्थित इंटरपोल के मुख्यालय ने कहा कि उसने 194 सदस्य देशों को कानूनी रूप से एक वैश्विक अलर्ट जारी किया है। यह उन्हें संगठित अपराध नेटवर्क को तैयार करने वालों के खिलाफ चेतावनी देता है, जो कोरोना वैक्सीन को शारीरिक और ऑनलाइन दोनों तरह से निशाना बना सकते है।

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सप्‍लाई चेन में बाधा पैदा कर सकते हैं आपराधिक संगठन  

जैसा कि सरकारें वैक्‍सीन को बनाने की तैयारी कर रही हैं, आपराधिक संगठन सप्‍लाई चेन में घुसपैठ या बाधित करने की साजिश बना रहे हैं। इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने कहा कि आपराधिक नेटवर्क फर्जी वेबसाइटों और झूठे इलाज के जरिए भोले भाले लोगों को स्‍वस्‍थ्‍य के लिए निशाना बना कसते हैं। यहां तक कि उनके जीवन के लिए महत्वपूर्ण खतरा पैदा कर सकते हैं।

उन्‍होंने कहा कि यह आवश्यक है कि कानूनी रूप से कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सभी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों का एक हिस्सा हो, जिसके लिए इंटरपोल ने यह वैश्विक चेतावनी जारी की है, जिसके लिए जितना संभव हो उतना तैयार रहना होगा। इंटरपोल ने जनता को चिकित्सा उपकरण या दवाओं की खोज के लिए ऑनलाइन जाने पर विशेष ध्यान रखने की सलाह दी। 

इंटरपोल ने आधिकारिक बयान में कहा कि संभावित रूप से जीवन देने वाल और जीवन को खतरा बनने वाले उत्पादों को ऑर्डर करने के खतरों के के बारे में बताया गया है। इंटरपोल की साइबर क्राइम यूनिट द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चला है कि ऑनलाइन फ़ार्मेसी से जुड़ी तीन हजार वेबसाइटों से जुड़े लोगों ने अवैध दवाइयों और मेडिकल डिवाइसों को बेचने पर संदेह जताया है, जिनमें से लगभग 1,700 में साइबर खतरा, विशेष रूप से फिशिंग और स्पैमिंग मैलवेयर हैं।

गौरतलब है कि बुधवार को ब्रिटेन आपातकालीन प्रयोग के लिए फाइजर बायोनेट का उपयोग अधिकृत करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इस प्रकार अगले सप्ताह से टीकों को लगाने का मार्ग प्रशस्त किया गया है। 


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