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महामारी से निजात पाने के लिए दुनिया भर में आदिवासी समुदायों की सक्रिय भागीदारी हो सुनिश्चित: UN प्रमुख

दुनिया भर में मनाए जाने वाले विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर UN प्रमुख ने कहा कि महामारी से छुटकारा पाने के लिए देश के आदिवासी समुदायों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 07:59 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 07:59 AM (IST)
महामारी से निजात पाने के लिए दुनिया भर में आदिवासी समुदायों की सक्रिय भागीदारी हो सुनिश्चित:  UN प्रमुख
महामारी से निजात पाने के लिए दुनिया भर में आदिवासी समुदायों की सक्रिय भागीदारी हो सुनिश्चित: UN प्रमुख

न्यूयार्क, एएनआइ। कोविड-19 के संकट से जूझ रही दुनिया को संयुक्त  राष्ट्र प्रमुख (United Nation Secretary General ) एंटोनियो गुटेरस (Antonio Guterres)  ने सलाह दी है कि हर देश के आदिवासी समुदायों के लोगों को इस महामारी से निजात पाने के लिए मिलकर काम करना होगा। उनका कहना है कि नॉवेल कोरोना वायरस के कारण जारी  संक्रमण को खत्म करने के लिए इस समुदाय केलोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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9 अगस्त को  विश्व के आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय दिवस (International day of Worlds indigenous people) के मौके पर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने पूरी दुनिया में महामारी के कारण प्रभावित होने वाले देश की आदिवासी जनसंख्या की ओर ध्यान आकर्षित किया। बता दें कि दुनिया भर में मनाए जाने वाले इस अंतरराष्ट्रीय दिवस की शुरुआत नौ अगस्त 1982 को संयुक्त राष्ट्रसंघ की पहल के साथ हुई थी। 

विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जारी किए गए वीडियो संदेश में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा,'अब तक के इतिहास में आदिवासी समुदायों को बर्बाद करने में बीमारियों की मुख्य भूमिका रही है क्योंकि समुदाय के लोग इम्यून नहीं होते।' संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि महामारी के पहले से ही आदिवासी समुदाय  असमानता, बदनामी और भेदभाव की मुश्किलों का सामना कर रही है और अब उनके पास  सीमित चिकित्सा संसाधन, स्वच्छ पेयजल की समस्या और अविकसित स्वच्छता सुविधाएं हैं।  उन्होंने जोर देते कहा कि आदिवासी लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र हमेशा संयुक्त राष्ट्र उनके अधिकारों के लिए घोषणा पूरी करने पर ध्यान देता है। 

उन्होंने बताया कि महामारी का सामना करने थाइलैंड के कैरेन (Karen)  समुदाय  के लोगों ने अपने प्राचीन परंपरा 'क्रोह यी (Kroh Yee)'  को पुन: लागू किया जिसके तहत गांवों के बंद करने की प्रक्रिया लागू की गई। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) के अनुसार,  सोमवार सुबह तक दुनिया के तमाम देशों में कुल 1 करोड़ 97 लाख 78 हजार 66 लोग संक्रमित हो चुके थे और मरने वालों का आंकड़ा 7 लाख 29 हजार 6 सौ 92 है। 


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