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श्रीलंका में महंगाई की मार से कोहराम, 90 फीसद महंगा हुआ रसोई गैस सिलेंडर, 1,195 रुपये किलो मिल रहा दूध पाउडर

श्रीलंका में सोमवार को रसोई गैस की खुदरा कीमतों में करीब 90 फीसद का उछाल आया। 12.5 किलोग्राम वाले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत पिछले शुक्रवार को 1400 रुपये थी जो 1257 रुपये बढ़कर 2657 रुपये हो गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 11 Oct 2021 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 12:57 AM (IST)
श्रीलंका में महंगाई की मार से कोहराम, 90 फीसद महंगा हुआ रसोई गैस सिलेंडर, 1,195 रुपये किलो मिल रहा दूध पाउडर
श्रीलंका में सोमवार को रसोई गैस की खुदरा कीमतों में करीब 90 फीसद का उछाल आया।

कोलंबो, पीटीआइ। श्रीलंका में आवश्यक वस्तुओं के लिए मूल्य सीमा खत्म करने की सरकार की हालिया घोषणा के बाद सोमवार को रसोई गैस की खुदरा कीमतों में करीब 90 फीसद का उछाल आया। 12.5 किलोग्राम वाले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत पिछले शुक्रवार को 1,400 रुपये थी। 1,257 रुपये की वृद्धि के साथ अब उसकी कीमत 2,657 रुपये हो गई है।

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1,195 रुपये किलो बिक रहा दूध पाउडर 

दूध पाउडर (Milk Powder) की कीमत 250 रुपये की वृद्धि के साथ प्रति किलोग्राम 1,195 रुपये (श्रीलंकाई रुपया) हो गई है। अन्य आवश्यक वस्तुओं- आटा, चीनी व सीमेंट की कीमतों में भी काफी वृद्धि हुई है। रसोई गैस की कीमतों में रिकार्ड वृद्धि ने लोगों को सबसे अधिक क्रोधित किया है। लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर कीमतों को वापस लेने की मांग करते हुए नाराजगी जाहिर की है।

सरकार ने उठाए कदम 

उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के प्रवक्ता ने कहा, 'कैबिनेट ने दूध पाउडर, गेहूं का आटा, चीनी व लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) के लिए मूल्य सीमा हटाने का फैसला किया। उम्मीद है कि इससे आपूर्ति बढ़ेगी। कीमतें 37 फीसद तक बढ़ सकती हैं, लेकिन अपेक्षा है कि डीलर अनुचित मुनाफा नहीं कमाएंगे।'

मूल्‍य सीमा को खत्‍म करने का फैसला 

श्रीलंका सरकार ने गुरुवार की रात राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद दूध पाउडर, गैस, आटा और सीमेंट की मूल्य सीमा को खत्म करने का फैसला किया था।

इसलिए पैदा हुई किल्‍लत 

कोविड महामारी के कारण आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे श्रीलंका ने वर्ष 2020 में आयात को नियंत्रित करते हुए तेजी से घट रहे विदेशी मुद्रा भंडार को सुरक्षित करने की पहल की थी। इसकी वजह से आवश्यक वस्तुओं, खासकर दूध पाउडर की किल्लत पैदा हो गई। आयातकों का कहना है कि वे विदेश से मंगाई गई दूध पाउडर की खेप के लिए भुगतान की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उनके पास डालर का घोर अभाव है। 


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